क्योंझर : चैती पर्व पर राज्य के प्रमुख शक्ति मंदिरों में से एक घाटगांव मां तारिणी मंदिर में हजारों की संख्या में श्रद्धालु उमड़े। मंदिर में देवी का आशीर्वाद लेने के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी। यह त्योहार क्षेत्र की सबसे पूजनीय देवी मां तारिणी के सम्मान में वर्ष 1936 से धूमधाम से मनाया जाता रहा है। यह 15 अप्रैल तक चलेगा और श्रद्धालुओं को नवनिर्मित मंदिर में देवी का आशीर्वाद लेने और उनके दर्शन करने का अवसर मिलेगा।
चैत्र मास में मनाए जाने वाले इस पवित्र त्यौहार में राज्य भर से लाखों तीर्थयात्री आते हैं, जो ओडिशा में सबसे अधिक पूजे जाने वाले देवी-देवताओं में से एक माँ तारिणी का आशीर्वाद लेने आते हैं।
‘चैती पर्व’ न केवल गहरा धार्मिक महत्व रखता है, बल्कि ओडिशा की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक भावना को भी दर्शाता है, जो हजारों परिवारों को आकर्षित करता है, जिनकी इस शुभ अवधि के दौरान मंदिर में आने की लंबे समय से परंपरा रही है। तीर्थयात्रियों की बढ़ती संख्या के साथ उत्सव अगले कुछ दिनों तक जारी रहने की उम्मीद है।
पूरे दिन विशेष अनुष्ठान और प्रसाद का आयोजन किया जाता है, क्योंकि मंदिर परिसर मंत्रोच्चार, भक्ति गीतों और सांस्कृतिक गतिविधियों से जीवंत रहता है। स्थानीय स्वयंसेवकों और भक्तों ने भी इस आयोजन के सुचारू संचालन में प्रशासन के साथ हाथ मिलाया है।
बड़ी भीड़ के लिए एक सहज और सुरक्षित अनुभव सुनिश्चित करने के लिए, मंदिर के अधिकारियों और जिला प्रशासन दोनों ने विस्तृत व्यवस्था की है। उपायों में भीड़ प्रबंधन प्रणाली, चिकित्सा सहायता केंद्र, पेयजल सुविधाएँ, अस्थायी आश्रय और पुलिस की तैनाती बढ़ाना शामिल है।
- डॉ. रमन सिंह के जन्मदिन पर मुख्यमंत्री साय ने दी शुभकामनाएं, कहा- सादगी, मितभाषिता और जनसेवा डॉ. रमन सिंह के स्वभाव की पहचान
- Bhopal News: मंदिर के बाहर भीख मांगने वाली 5 साल की बच्ची लापता, मां की शिकायत पर तलाश में जुटी पुलिस, खंगाले जा रहे CCTV फुटेज
- सीएम ने की 30 बेड के सीएचसी को 50 बेड के एसडीएच में बदलने की घोषणा, कहा- सरकार उच्च कोटि की स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने प्रतिबद्ध
- जेल के बाहर युवक की पिटाई का मामला : जेल डीजी ने सहायक जेल अधीक्षक को किया निलंबित, आदेश जारी
- ओरछा में हो रहा भव्य श्रीराम राजा लोक का निर्माण, CM डॉ. मोहन ने 332.85 करोड़ के विकास कार्यों का किया भूमिपूजन एवं लोकार्पण, वैदिक मंत्रोच्चार के साथ की पूजा