रायपुर. 23 वर्षीय युवक का हाथ कटा और आधी रात को घंटेभर के अंदर ऑपरेशन करके हाथ जोड़ा गया. खिड़की की भारी-भरकम कांच से युवक का दाहिना हाथ कट गया था, उसमें उसकी खून की नसें, मांसपेशियां, तंत्रिका तंत्र एवं चमड़ी पूरी तरह कट गया था और हाथ सिर्फ हड्डी के सहारे लटका हुआ था.

वह युवक रात को 12:30 बजे अंबेडकर अस्पताल के ट्रामा यूनिट में आया. चोट लगने के 10 मिनट के अंदर वह ट्रामा यूनिट पहुंच गया, चूंकि नसों के कटने के कारण बहुत अधिक खून का बहाव हो गया था, जिसके कारण उसकी स्थिति नाजु़क हो गई थी. स्थिति को थोड़ा स्थिर करने के बाद ऑपरेशन के पहले उनको एक बोतल खून चढ़ाया गया एवं उनके ब्लड प्रेशर को सामान्य लाया गया. इसके बाद  ट्रामा यूनिट वालों ने डॉ कृष्णकांत साहू को बुलाया.

डॉ कृष्णकांत साहू ने चोट की स्थिति को देखते हुए तुरंत ऑपरेशन में लेने के लिए व्यवस्था एसीआई के ऑपरेशन थियेटर में करवाया. चूंकि खून की नस कटने के बाद थोड़े समय बाद ही हाथ में गैंग्रीन प्रारंभ हो जाता है और एक बार गैंग्रीन होने के बाद हाथ को वापस नहीं बचा जा सकता. कोई भी नस संबंधी चोट के लिए उसका गोल्डन अवर्स के अंदर जो कि 5 से 6 घंटे होता है. इस समय में ऑपरेशन करना बहुत जरूरी होता है, क्योंकि इस समय तक हाथ कुछ जोड़ने की अवसर बढ़ जाते हैं और अंगों के बचने के चांस बढ़ जाते हैं.

जब अंगों को बचाने के लिए उनको तुरंत ऑपरेशन में लिया गया. ऑपरेशन में लेने पर पता चला कि उनकी खून की नसों के साथ-साथ उनका तंत्रिका तंत्र, मांस एवं मांसपेशियां कट गई थी. सिर्फ हड्डी मात्र बचा हुआ था. इस स्थिति को देखते हुए डॉ  साहू ने प्लास्टिक सर्जन डॉक्टर कृष्णानंद ध्रुव को बुलाया. फिर दोनों सर्जन ने मिलकर खून की नसों, तंत्रिका तंत्र, मांसपेशी एवं चमड़ी को जोड़ा गया. अब मरीज अस्पताल से छुट्टी लेकर जाने को तैयार है एवं उसकी दाएं हाथ एवं उंगलियां कार्य करने लगे हैं.

ऑपरेशन के स्टेप

कृत्रिम नस (PTFE GRAFT) से कटे हुए नस को जोड़ा गया जिससे रक्त प्रवाह कटे हुए अंग में प्रारंभ हो गया तंत्रिका तंत्र को जोड़ा गया जिससे कि हाथों की उंगलियों में गति आई एवं मांसपेशियों एवं चमड़ी को जोड़ा गया यह ऑपरेशन रात 2:00 बजे से सुबह 7:00 बजे तक चला