धमतरी. जिले में बंदर के बच्चे को पानी के लोटे के अंदर सिर डालना भारी पड़ गया. पानी पीने के दौरान उसका सिर ही लोटे में फंस गया. इसके बाद उसकी मां उसे यहां-वहां लेकर घूमती रही. आसपास के लोगों ने उसके सिर से लोटा निकालने का काफी प्रयास किया, मगर बात नहीं बनी. आखिरकार 2 दिन बाद लोटा अपने आप ही उसके सिर से निकल गया, जिसके बाद उसकी जान बच सकी.
शिव मंदिर में रहता है बंदरों का जमावड़ा
नगरी में वन विभाग का लड़की रखने वाला काष्ठागार है. पास में भगवान शिव का मंदिर है, जहां बड़ी संख्या में बंदर रहते हैं. यहां आने-जाने वाले लोग इन बंदरों को कुछ न कुछ खाने के लिए देते रहते हैं. शुक्रवार को मंदिर में किसी ने तांबे के लोटे से भगवान को जल चढ़ाया था.
इसके बाद उसी लोटे में जल रखकर वो कहीं चला गया. इधर इस लोटे पर जब बंदर के बच्चे की नजर पड़ी तो वह वहां पहुंच गया और उसमें से पानी पीने लगा. इसी दौरान उसका सिर उस लोटे में फंस गया, जिसके बाद उस बच्चे की मां उसे वहां से ले गई और पेड़ पर चढ़ गई.
सूचना पर वन विभाग का अमला आया ही नहीं
आसपास के लोगों का कहना है कि उन्होंने शुक्रवार को ही वन विभाग को इस बात की सूचना दे दी थी मगर विभाग की तरफ से कोई आया ही नहीं. राहत की बात ये रही कि लोटा अपने आप ही निकल गया नहीं तो बंदर के बच्चे की जान भी जा सकती थी.
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