अनिल मालवीय, इछावर(सीहोर)। जिले में अल्प बारिश से प्रभावित किसानों की फसलों का सर्वे कर मुआवजा की मांग को लेकर तीन दिनों से अनशन कर रही पर्वतारोही मेघा परमार की शनिवार शाम को तबीयत बिगड़ गई। वह चक्कर खाकर अचानक जमीन पर गिर गई। इसके बाद तुरंत डॉक्टर को बुलाया गया। डॉक्टर ने मेघा का स्वास्थ्य परीक्षण कर उनका प्राथमिक उपचार किया है। अनशन के तीन दिन बाद भी शासन, प्रशासन का कोई भी प्रतिनिधि बातचीत के लिए धरना स्थल पर नहीं पहुंचा है।

बता दें कि तहसील क्षेत्र में अल्प बारिश के कारण सोयाबीन, मक्का, ज्वार आदि की फसलें खराब हो गई है। ऐसे में पीड़ित किसानों को फसल का उचित मुआवजा और बीमा की राशि दिलाने की मांग को लेकर पर्वतारोही व कांग्रेस युवा नेत्री मेघा परमार अपने साथी कांग्रेस नेता अभय मेहता, जनपद सदस्य राजू मेवाड़ आदि और कार्यकर्ताओं के साथ शुक्रवार से तहसील कार्यालय के सामने अनिश्चित कालीन हड़ताल पर बैठी हैं।

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मेघा परमार ने बताया कि प्रकृति आपदा के कारण किसानों की खरीफ फसलें खराब हो गई है। इससे किसान काफी परेशान और मायूस है। आर्थिक तंगी के कारण परिवार के सामने भरण-पोषण का संकट खड़ा हो गया है। इतना ही नहीं किसानों को अपनी उधारी एवं बच्चों के स्कूल की फीस चुकाने के लिए भी जद्दोजहद करना पड़ रही है। पिछली 15 महीने की कांग्रेस सरकार में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान प्रभावित फसल का 40 हजार रुपये प्रति हैक्टेयर के हिसाब से किसानों को मुआवजा देने की बात कह रहे थे। जब वह खुद मुख्यमंत्री है और केंद्र तथा राज्य में उनकी सरकार है ऐसे में वह किसानों की सुध नहीं ले रहे है। मेघा परमार का कहना है कि जब तक किसानों को उचित मुआवजा देने का सरकार आदेश न कर दें तब तक वह अनशन जारी रखेगी।

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