
वीरेंद्र गहवई, बिलासपुर. छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में सड़क रोककर केक काटे जाने की घटना के बाद लगातार इस तरह के मामले को लेकर हाइकोर्ट में जनहित याचिका की सुनवाई हुई है। सोमवार को मुख्य न्यायाधीश रमेश कुमार सिन्हा और न्यायाधीश रविन्द्र कुमार अग्रवाल की बैंच ने सुनवाई के दौरान कड़ी नाराजगी जताई।
हाईकोर्ट ने कहा, जो सड़क पर केक काटे जाने की घटना उजागर हुई उसमें एक व्यवसायी, एक जनप्रतिनिधि शामिल हैं। वह एक राजनीतिक व्यक्ति थे, हम ये देखकर परेशान हो जाते हैं कि वो कैसे उदाहरण बन सकते हैं..? हाइकोर्ट में आया मामला शॉपिंग मार्ट के मालिक द्वारा सड़क को अवरुद्ध करके जन्मदिन मनाने से संबंधित था। खबर मीडिया में भी आई थी।
सुनवाई के दौरान महाधिवक्ता प्रफुल्ल एन भारत ने कोर्ट में बताया कि 20 फरवरी 2025 के आदेश के अनुपालन में छत्तीसगढ़ राज्य के पुलिस महानिदेशक ने 7 मार्च 2025 को अपना व्यक्तिगत हलफनामा दाखिल किया है। वहीं 28 फरवरी 2025 को परिपत्र जारी कर सार्वजनिक सुरक्षा, सुविधा एवं सड़क पर सुचारू यातायात बनाए रखने के लिए निर्देश जारी किए हैं। परिपत्र में भारतीय न्याय संहिता, 2023, छत्तीसगढ़ कोलाहल नियंत्रण अधिनियम, 1985, मोटर वाहन अधिनियम, 1988 एवं अन्य के अंतर्गत विशिष्ट प्रावधानों का उल्लेख किया गया है। लोक संपत्ति कष्ट निवारण अधिनियम का उल्लेख किया गया है, जिसके तहत सार्वजनिक सड़क पर उपद्रव करने वाले, यातायात में बाधा डालने वाले व्यक्तियों के खिलाफ उचित कार्रवाई की जा सकती है।

दोषी पुलिसकर्मियों पर भी हो सकती है कार्रवाई
महाधिवक्ता ने कहा, यातायात प्रबंधन और सार्वजनिक सुविधा में किसी भी तरह की लापरवाही के मामले में लागू नियमों के अनुसार दोषी पुलिस कर्मियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। सार्वजनिक सड़क पर किसी भी प्रकार की बाधा उत्पन्न होने अथवा सार्वजनिक सड़क पर किसी भी प्रकार की अवैधानिक बाधा उत्पन्न होने की स्थिति में जनता तत्काल 112 डायल कर अथवा निकटतम पुलिस स्टेशन को सूचित कर सकती है। डीजी ने शपथपत्र में बताया है कि पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 126(2), 3(5) के अंतर्गत आरोपी मृणाल चौबे, चिंटू चंदेल, मनोज गौतम के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है।
निर्देश के बाद भी घटना होना दुर्भाग्यपूर्ण
हाईकोर्ट ने कहा 28 फरवरी 2025 को एक परिपत्र जारी किया गया है, लेकिन यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि इस परिपत्र के बाद 02 मार्च 2025 को एक और घटना घटित हुई है, जिसके लिए भारतीय न्याय संहिता, 2023 (संक्षेप में ‘बीएनएस’) की धारा 126(2) और 3(5) के तहत दंडनीय अपराध के लिए संबंधित पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज की गई है और आरोपी को जमानत पर रिहा कर दिया गया है। हालांकि हमें उम्मीद और भरोसा है कि राज्य और उसके तंत्र अधिक सतर्क होंगे और ऐसी घटनाओं को नियंत्रित करने के लिए कड़े कदम उठाए जाएंगे।
हलफनामा दाखिल करने मुख्य सचिव को दिया दो सप्ताह का समय
कोर्ट ने सभी मामलों में मुख्य सचिव, छत्तीसगढ़ सरकार को भी राज्य के सभी जिलों के जिला मजिस्ट्रेट/जिला कलेक्टरों को इसी तरह के निर्देश जारी करने का निर्देश दिया है। साथ ही मुख्य सचिव, छत्तीसगढ़ सरकार का व्यक्तिगत हलफनामा दाखिल करने के लिए दो सप्ताह का अतिरिक्त समय दिया है। इस मामले की अगली सुनवाई 24 मार्च 2025 को निर्धारित किया है।
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