बिलासपुर। छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग (CGPSC) की कार्यशैली में गंभीर लापरवाही सामने आने पर बिलासपुर हाईकोर्ट ने कड़ी नाराजगी जाहिर की है. कोर्ट ने खेल अधिकारी की नियुक्ति के मामले में हुई चूक को गंभीरता से लेते हुए, वेटिंग लिस्ट में पहले स्थान पर रहे योग्य अभ्यर्थी के नाम पर नियुक्ति पत्र जारी करने का आदेश दिया है.

मृत अभ्यर्थी को जारी कर दिया था नियुक्ति आदेश

यह मामला सीजीपीएससी के अफसरों की घोर लापरवाही से जुड़ा है. उनकी चूक के कारण गरियाबंद के एक योग्य अभ्यर्थी को नौकरी से वंचित होना पड़ा, जबकि अधिकारियों ने एक मृतक अभ्यर्थी के नाम पर लापरवाहीपूर्वक नियुक्ति का आदेश जारी कर दिया था.

क्या है पूरा मामला?

  • विज्ञापन: 6 मार्च 2019 को स्पोर्ट्स ऑफिसर के रिक्त पदों पर भर्ती के लिए विज्ञापन जारी किया गया था.
  • परिणाम और वेटिंग लिस्ट: इंटरव्यू प्रक्रिया पूरी होने के बाद सितंबर 2020 में जारी परिणाम में, गरियाबंद निवासी नीलकंठ कुमार साहू को ओबीसी वर्ग की वेटिंग लिस्ट में पहले स्थान पर रखा गया था.
  • पद रिक्त हुआ: ओबीसी वर्ग से चयनित अमित वर्मा की जॉइनिंग से पहले ही मृत्यु हो गई, जिसके कारण यह पद रिक्त हो गया.
  • अभ्यर्थी को वंचित किया गया: नीलकंठ साहू ने वेटिंग लिस्ट की वैधता अवधि के भीतर ही पीएससी को पद रिक्त होने की जानकारी दी और नियुक्ति का दावा किया, लेकिन आयोग के जिम्मेदार अधिकारियों ने इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया. इस लापरवाही के चलते नीलकंठ को नियुक्ति से वंचित कर दिया गया.

हाईकोर्ट का सख्त फैसला

नीलकंठ साहू ने न्याय के लिए हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया. हाईकोर्ट की सिंगल बेंच ने मामले की गंभीरता को देखते हुए नीलकंठ साहू के पक्ष में फैसला सुनाया. कोर्ट ने सीजीपीएससी को निर्देश दिया है कि मृत अभ्यर्थी के रिक्त स्थान पर वेटिंग लिस्ट के पहले दावेदार नीलकंठ साहू को 8 सप्ताह के भीतर नियुक्ति पत्र जारी किया जाए. कोर्ट के इस आदेश से सीजीपीएससी की लापरवाही उजागर हुई है और योग्य अभ्यर्थी को उसका हक मिल सका है.