वीरेंद्र गहवई, बिलासपुर। हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसले में मानसिक रूप से विकलांग लड़की के साथ यौन उत्पीड़न के लिए आशीष सेंदरिया उर्फ भुंडू की दोषसिद्धि और 20 साल के कठोर कारावास की सजा को बरकरार रखा है। चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस रवींद्र कुमार अग्रवाल की पीठ ने ट्रायल कोर्ट के फैसले के खिलाफ दोषी की दायर आपराधिक अपील को खारिज कर दिया है।
मामले में कोर्ट ने कहा कि पीड़िता की गवाही विश्वसनीय पाई जाती है तो केवल उसके आधार पर ही सजा दी जा सकती है। पीड़ित/बच्चे के मन पर घृणित कृत्य का प्रभाव जीवन भर रहेगा इसलिए सजा में छूट नहीं दी जा सकती।
घटना रायगढ़ जिले की 16 अगस्त 2021 की है। पीड़िता के पिता ने थाने में रिपोर्ट लिखाई कि आरोपी ने उसकी मानसिक रूप से कमजोर बेटी को बहला-फुसलाकर अपने घर बुलाकर उसके साथ दुष्कर्म किया। मामले की जांच के बाद पुलिस ने धारा 376 (जे) और पॉक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज किया था। इस मामले में जिला न्यायालय ने आरोपी को 20 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई थी, जिसके खिलाफ आरोपी ने हाईकोर्ट में अपील की थी।
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