कार्तिक मास को वर्ष का सबसे पवित्र महीना माना गया है. इस वर्ष कार्तिक मास की शुरुआत 8 अक्टूबर से हो रही है. शास्त्रों के अनुसार, इस महीने में स्नान, दान, दीपदान और पूजा का विशेष महत्व होता है. कहा गया है कि कार्तिक में पुण्य कर्म करने से समस्त पापों का नाश होता है और मोक्ष की प्राप्ति होती है.

ब्रह्ममुहूर्त स्नान का रहस्य
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, कार्तिक माह में ब्रह्म मुहूर्त में पवित्र नदी या घर पर जल में थोड़ा गंगाजल मिलाकर स्नान करने से देवी-देवताओं की कृपा मिलती है. विशेषकर सूर्योदय से पहले किया गया स्नान बहुत शुभ माना जाता है. कार्तिक स्नान से शरीर शुद्ध होता है, मन शांत होता है और आध्यात्मिक शक्ति में वृद्धि होती है.
शास्त्रों में वर्णित महिमा
स्कंद पुराण और पद्म पुराण में वर्णित है कि कार्तिक स्नान करने से भगवान विष्णु, माता लक्ष्मी और भगवान शिव की विशेष कृपा प्राप्त होती है. इस महीने में विशेष रूप से तुलसी पूजन, दीपदान और एकादशी व्रत रखने का भी विधान है. धार्मिक मान्यता है कि कार्तिक माह में लिया गया एक स्नान भी हजारों यज्ञों के समान फल देता है.
दीपदान और पूजा से मिलता है सुख-समृद्धि
आचार्यों का कहना है कि इस महीने में स्नान के बाद दीपदान करते हुए भगवान विष्णु का ध्यान करना चाहिए. इससे घर में सुख-समृद्धि आती है और परिवार के कल्याण की कामना पूर्ण होती है. कार्तिक का यह महीना प्रकाश, भक्ति और आत्मशुद्धि का पर्व माना जाता है, जो व्यक्ति को आध्यात्मिक ऊंचाइयों तक ले जाता है.
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