रायपुर। रेलवे में साईकिल स्टैण्ड टेंडर प्रक्रिया को लेकर शुक्रवार को दो ठेकेदारों के बीच डीआरएम ऑफिस में चाकूबाजी और तोड़फोड़ की घटना हुई. घटना की वजह से वहां काम कर रहे कर्मचारी सहम गए. तकरीबन 15 मिनट से आधा घंटा तक गुंडों ने जमकर उत्पात मचाया. इस दौरान आपस में न सिर्फ मारपीट की गई बल्कि कार्यालय में रखे गमलों को भी तोड़ दिया. इस दौरान वहां काम कर रहे कर्मचारी  सहम गए.

शुक्रवार को रायपुर रेलवे स्टेशन में टेंडर प्रक्रिया चल रही थी उसी दौरान वर्तमान ठेकेदार रहमत खान के अलावा एक और ठेकेदार शिब्बू वहां पहुंच गया. बताया जा रहा है कि वर्तमान में जो ठेकेदार स्टैण्ड चला रहा है उसने दूसरे ठेकेदार का फार्म छीनने की कोशिशि की और उस पर हमला कर दिया. इस दौरान ठेकेदार के साथ आए गुंडों ने चाकू भी लहराया लेकिन किसी को चोंट नहीं आई. जहां यह घटना हुई वहां सामने ही बमुश्किल 50 कदम दूर सीनियर डीसीएम तन्मय मुखोपाध्याय का कार्यालय है और कुछ ही कदम पर तकरीबन 20-25 लोग काम कर रहे थे. जिनमें महिलाएं भी शामिल हैं.

वहां तैनात गार्ड के मुताबिक गुंडे आपस में मारपीट कर रहे थे. जिसकी सूचना उसने आरपीएफ को दी. आरपीएफ के लोग इससे पहले कि वहां पहुंच सभी आरोपी बाउंड्रीवाल कूदकर फरार हो गए. इस दौरान वे जिन गाड़ियों से पहुंचे थे उसे भी वहां छोड़कर फरार हो गए. आपको बता दें कि इस कार्यालय में डीआरएम, सिनियर डीसीएम, मंडल सुरक्षा आयुक्त अनुराग मीणा सहित कई बड़े अधिकारियों के दफ्तर हैं.

सीनियर डीसीएम तन्मय मुखोपाध्याय का कहना है कि मामले में आरपीएफ जांच कर रही है उनकी जांच रिपोर्ट के आधार पर ही कार्रवाई करेंगे. लेकिन मंडल सुरक्षा आयुक्त अनुराग मीणा का कहना है कि आरपीएफ के पास कार्रवाई करने का कोई अधिकार नहीं है. हालांकि उन्होंने इस मामले की जांच करने की बात कही है. वहीं उनका यह भी कहना है कि 13 तारीख को दुबारा जब साइकिल स्टैण्ड के ठेके की प्रक्रिया शुरु होगी तब सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए जाएंगे.

सबसे बड़ी बात यह है कि इस मामले में घंटों बीत जाने के बाद भी रेलवे के अधिकारियों द्वारा पुलिस में कोई भी रिपोर्ट दर्ज नहीं कराई गई है. गौरतलब है कि रेलवे स्टैण्ड के ठेके के लिए ठेकेदारों के गुंडे आपस में भिड़े. जब खुलेआम डीआरएम कार्यालय में इस तरह की घटना होती है तो फिर सायकल स्टैण्ड में आम आदमी के साथ किस तरह का बर्ताव किया जाता होगा. सूत्रों के मुताबिक ठेकेदारों के बीच अब समझौता भी हो गया है.