कर्ण मिश्रा ग्वालियर। चंबल नदी से ग्वालियर पानी लाने का मामला अब मध्यप्रदेश हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ में पहुंच गया है। डॉ राखी शर्मा ने जनहित याचिका दायर करते हुए न्यायालय को बताया है कि चंबल का पानी लाने के लिए योजना लगभग तीन दशक पहले बनी थी लेकिन उसका क्रियान्वयन अभी तक नहीं हो सका। मामले की गंभीरता को देखते हुए कोर्ट ने इस मामले में शासन, पीएचई और नगरीय प्रशासन विभाग को नोटिस जारी 4 सप्ताह में जवाब मांगा है।

याचिकाकर्ता के अधिवक्ता राजू शर्मा के अनुसार सबसे पहले पीएचई विभाग ने 1991 में चंबल से पानी लाने के लिए प्रोजेक्ट तैयार किया था जिसे स्वीकृति के लिए भोपाल भी भेजा गया था उस समय यह तय हुआ था की प्रोजेक्ट पर काम 1995 से शुरू होगा और 2001 में इसे पूरा कर लिया जाएगा हालांकि कई साल बीतने के बाद भी चंबल से पानी लाने की योजना केवल कागजों तक ही सीमित है।

यही कारण है कि चंबल नदी से ग्वालियर में पानी लाने के लिए जनहित याचिका दायर की गई है। वर्तमान समय में ग्वालियर की आबादी की प्यास बुझाने के लिए एकमात्र स्त्रोत तिघरा जलाशय है, जो 5 लाख की आबादी के लिए बनाया गया था लेकिन आज वह उसकी चार गुनी आबादी की प्यास बुझाने में सक्षम नहीं है। यही कारण है कि चंबल से पानी आने की उम्मीद कई सालों से ग्वालियर का हर नागरिक लगाए बैठा है।

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