चंडीगढ़। आज केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2022-23 पेश किया. इस बजट को लेकर पंजाब में विरोधी पार्टियों के नेताओं ने जमकर निशाना साधा. केंद्रीय बजट 2022 से पंजाब के लोगों की उम्मीदें पूरी नहीं हुईं. खासतौर पर किसानों को काफी निराशा हुई है. पंजाब में 20 फरवरी को चुनाव होने हैं, ऐसे में बड़ी उम्मीद थी कि राजनीतिक फायदे के लिए ही सही, केंद्र बड़ी घोषणाएं कर सकता है, लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ. बजट कारोबारियों के लिए, हेल्थ और एजुकेशन सेक्टर के लिए काफी अच्छा है, लेकिन किसानों और मिडिल क्लास को घोर निराशा इससे हुई है. हालांकि यह भी कहा जा रहा है कि चुनाव आचार संहिता के बाद किसी लोक लुभावन घोषणा से विरोधियों के निशाने पर आने से बचने को केंद्र ने चुप्पी साध ली.

पंजाब में कांग्रेस-अकाली दल ने बजट 2022 को बताया बेकार, कहा- ‘किसानों के लिए कुछ नहीं, केवल हवाहवाई बजट’

 

कई उम्मीदें जो नहीं हो सकीं पूरी

इंडस्ट्री- पंजाब में होजरी, साइकिल, स्पोर्ट्स समेत कई तरह की इंडस्ट्री हैं। राज्य सरकार लगातार मांग करती रही है कि पंजाब को भी हिमाचल प्रदेश की तरह विशेष राज्य का दर्जा दिया जाए, जिससे टैक्स से राहत मिल सके.

फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य- सुधार कानूनों को लेकर पंजाब के किसानों के टारगेट पर आई केंद्र सरकार के कुछ सकारात्मक कदम की उम्मीद थी, जिसमें ज्यादा फसलों को MSP के दायरे में लाने की उम्मीद थी, लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ. बजट में मिनिमम सपोर्ट प्राइस पर कोई चर्चा ही नहीं हुई. अन्नदाताओं की नजर भी केंद्र पर थी कि शायद बजट में कोई बड़ी घोषणा हो, लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ.

किसानों की कर्जमाफी – पंजाब सरकार लगातार मांग कर रही थी कि केंद्र सरकार संपूर्ण कर्ज माफी की योजना लाए, जिसमें राज्य सरकारें भी अपना हिस्सा देंगी, लेकिन बजट में ऐसी कोई घोषणा नहीं हुई.

इन्फ्रास्ट्रक्चर- पंजाब में इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट के लिए भी कोई बड़ी घोषणा नहीं हुई. जनवरी महीने में पीएम नरेंद्र मोदी ने पंजाब के लिए कुछ बड़े प्रोजेक्ट शुरू करने थे, जिनमें दिल्ली-कटरा एक्सप्रेसवे, अमृतसर-ऊना फोर लेन, मुकेरियां-तलवाड़ा रेल लाइन, पीजीआई सेटेलाइट सेंटर और कपूरथला-होशियारपुर में 42,750 करोड़ के प्रोजेक्ट शामिल थे. हालांकि पीएम की सुरक्षा चूक के बाद रैली रद्द होने से वह प्रोजेक्ट भी ठप हो गए.