रुपेश गुप्ता, रायपुर। प्रदेश में 36 घंटे के भीतर तीन हाथियों की संदिग्ध मौत की जांच के लिए सरकार ने एक कमेटी गठित किया है. इस कमेटी के अध्यक्ष रिटायर्ड पीसीसीएफ केसी बेवर्ता होंगे. सरकार ने जांच के लिए तीन बिंदु तय किये हैं. कमेटी 30 दिन के भीतर अपनी जांच रिपोर्ट सरकार को सौंपेगी.
मामले की जानकारी देते हुए वन मंत्री मोहम्मद अकबर ने कहा कि हाथियों के मृत्यु के मामले में जांच दल का गठित कर दिया गया है और इसमें जो हमारे जो पीसीसीएफ रिटायर वन विभाग के हिसाब से जो रिटायर्ड पीसीसीएफ होते हैं प्रोटोकॉल के हिसाब से वर्तमान से उनका दर्जा ऊपर माना जाता है, उनका नाम केसी बेवर्ता है. इनकी अध्यक्षता में कमेटी गठित किया गया है, जो कि जांच दल के अध्यक्ष होंगे. कमेटी में डॉक्टर आरपी मिश्रा वन्य प्राणी विशेषज्ञ सदस्य रहेंगे, डॉक्टर राकेश वर्मा वरिष्ठ पशु चिकित्सक हैं, डॉक्टर देवा देवांगन वरिष्ठ अधिवक्ता सदस्य रहेंगे, अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक प्राणी सदस्य सचिव मनोनीत किया गया है. प्रतिवेदन की अवधि 30 दिनों के भीतर इनको रिपोर्ट देनी होगी और जो जांच के बिंदु हैं उसमें
1 मृत्यु के कारण एवं परिस्थितियां क्या किसी स्तर पर कोई चूक हुई है यदि हां तो उत्तरदायित्व??
2. क्या इस घटना को रोका जा सकता था अन्य कोई ऐसा बिंदु जिसे कमेटी जांच के दौरान आवश्यक समझे?
3. भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति को रोकने के लिए और क्या उपाय किया जाना चाहिए?
अकबर ने आगे कहा कि पूरे मामले को वन विभाग ने बहुत गंभीरता से लिया है और स्थल में जैसी सूचना मिली प्रधान मुख्य वन संरक्षक अतुल शुक्ला और पूरी टीम वहां डीएफओ, रेंजर, के अधिकारी पीसीसीएफ स्तर के अधिकारी के साथ-साथ वन मंडल अधिकारी एचडी फॉरेस्ट रेंज ऑफिसर सारे बड़े अधिकारी वहां पर स्थल में मौजूद हैं लगातार. अभी तो पोस्टमार्टम का काम कंप्लीट हो पाया है अभी 3:30 बजे भारत सरकार के साथ भी वाइल्ड से जुड़े अधिकारी हैं उनसे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए इस बात के बारे में बातचीत होगी तो पूरे मामले में 1 माह के भीतर रिपोर्ट आने के बाद में जो भी कारवाही जांच रिपोर्ट के द्वारा आएगी सामने प्रस्तावित किया जाएगा उस पर हम लोग अमल करेंगे.
तीनों हाथियों की जांच रिपोर्ट आ गई है एक का हृदय गति रुकने से दूसरे का टॉप सी सिटी विसात सामग्री खा लेने से हुई है और तीसरा जो है इंफेक्शन के कारण यह प्रारंभिक है इससे कोई निष्कर्ष नहीं निकाला जा सकता पोस्टमार्टम का जो फाइनल रिपोर्ट आएगा ओर एक महीने में जो जांच रिपोर्ट आएगी उसके आधार पर कार्रवाई करेंगे.