रायपुर। नेयिल्ला ट्रूनो बेहरा के निधन के बाद असहाय परिजन जब कंपनी की ओर मदद की आस लगाए हुए थे, उस दौरान कंपनी ने परिजनों की खुले हाथ से मदद करने की बजाए इलाज में खर्च हुई रकम तक को क्षतिपूर्ति राशि से काट लिया. कंपनी के द्वारा छले गए परिवार की मदद के लिए अब छत्तीसगढ़ मुक्ति मोर्चा ने सरकार से गुहार लगाई है.
जानकारी के अनुसार, भिलाई के हथखोज इण्डस्ट्रीयल एरिया में स्थित सिसकॉल कंपनी में काम के दौरान कर्मी नेयिल्ला ट्रनो दुर्घटना का शिकार हो गया. उपचार के लिए उसे भिलाई स्थित अस्पताल में दाखिल कराया गया, लेकिन कर्मी की हालत में सुधार नहीं हुआ और उसने दम तोड़ दिया.
परिवार के मुखिया की मौत के हताश परिजनों को कंपनी की ओर से क्षतिपूर्ति तो दी गई, लेकिन इसमें नेयिल्ला के उपचार में खर्च साढ़े सात लाख रुपए की राशि के साथ अंतिम संस्कार के लिए दी गई 70 हजार रुपए की राशि भी जोड़ दी. इन सबके बाद परिजनों के हाथ में सात लाख से कुछ ऊपर ही रकम आई. जबकि वे पूरी राशि के हकदार थे.
कर्मी की मौत बीते साल नवंबर महीने में हुई थी, और उसके परिजनों को इस साल जनवरी माह में कंपनी की ओर से मुआवजा दिया गया. लेकिन मामला अब सामने आने के बाद श्रमिक नेता उद्वेलित हैं. छत्तीसगढ़ मुक्ति मोर्चा के पदाधिकारी बताते हैं कि इस तरह की घटना में कंपनी को ही चिकित्सा खर्च उठाने का नियम है, लेकिन पीड़ित परिवार को मिलने वाली क्षतिपूर्ति राशि से काट ली गई, जिसे वापस दिलाया जाएगा.