रायसेन/ नर्मदापुरम। मध्य प्रदेश की जीवनदायिनी कहीं जाने वाली नर्मदा नदी इन दिनों दयनीय स्थिति में है। नर्मदा की स्वच्छता पर गंदे नालों के पानी में मिलने से ग्रहण लग रहा है। नालों के गंदे पानी से नर्मदा नदी मैली हो रही है। मध्यप्रदेश की सरकार द्वारा सिर्फ नर्मदा नदी को स्वच्छ करने की बाते ही राजनीतिक मंचो से की जाती है, लेकिन आज हालात ये हैं कि नदी की तस्वीर पूरी तरह बदल गई है।

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नर्मदा नदी का उद्गम अनूपपुर जिले के अमरकंटक से होता है। जो की मध्य प्रदेश में 1077 किलोमीटर का सफर तय कर महाराष्ट्र से होते हुए गुजरात तक पहुंचती है। नर्मदा नदी कुल 1312 किलोमीटर में फैली हुई है। लेकिन आज नर्मदा नदी की यह स्थिति है कि जगह-जगह कई गांवों शहरों के गंदे नालों का पानी नर्मदा नदी में मिल रहा है। इसके साथ ही नर्मदा नदी से लगातार रेत का अवैध उत्खनन किया जा रहा है।

नर्मदा में डाला जाता है पॉलिथीन, डिस्पोजल
धार्मिक आयोजनों के नाम पर अधिक मात्रा में पॉलिथीन, डिस्पोजल दोने पत्तल का उपयोग कर नर्मदा नदी में फेंक रहे। लोगों ने इन हालातों की जानकारी देते हुए बताया कि, नर्मदा नदी में पॉलिथीन का उपयोग बंद होना चाहिए। नर्मदा नदी में होने वाले आयोजनों में किए जाने वाले दोना पत्तल डिस्पोजलों का उपयोग बंद कर पुरानी परंपरा की ओर हमें लौटना पड़ेगा। जहां पेड़ के पत्तों से बनी हुई पत्तल दोना का प्रयोग किया जाता था। नर्मदा नदी में मिल रहे गंदे नालों पर भी प्रतिबंध लगे इसके साथ ही अवैध रेत के उत्खनन से भी नर्मदा नदी का स्वरूप बिगाड़ रहे हैं। जिस पर रोक लगे और प्रशासन इस और गंभीरता से ध्यान दें।

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नालों के गंदे पानी से मैली हुई नर्मदा
इधर नर्मदापुरम में नालों के गंदे पानी से नर्मदा नदी मैली हो रही है। मध्यप्रदेश की सरकार द्वारा सिर्फ नर्मदा नदी को स्वच्छ करने की बाते ही राजनीतिक मंचो से की जाती है, लेकिन ठोस प्रयास नर्मदा को स्वच्छ करने के लिए नहीं किए जाते है। कल भी मध्यप्रदेश सरकार के मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने मीडिया से 2 वर्ष में नर्मदा नदी को पूरी तरह साफ सुधरा रखने को बात कही है। यह कितनी सच होती है यह समय आने पर पता चल सकेंगे।

मंच से किए बड़े-बड़े वादे
मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान हर वर्ष नर्मदा जयंती पर नर्मदापुरम आकर मच से नर्मदा को स्वच्छ रखने की बात कहते रहे, लेकिन नर्मदा नदी की स्थित में कोई बेहतर सुधार नहीं हो सका। नर्मदा नदी में मिलने वाले नर्मदापुरम शहर के गंदे नालों को पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के कार्यकाल में नहीं रोका जा सका। आज भी नर्मदा नदी के ऐसे छोटे बड़े नाले है जिनसे शहर का दूषित पानी आ रहा है। श्रद्धालुओं की बात करे तो उनका कहना है कि सरकार बड़े वादे करती है, लेकिन नर्मदा नदी को स्वच्छ करने में कोई ध्यान नहीं देता। घाटों पर बहुत गंदगी रहती है। जिससे श्रद्धालुओं को आस्था को ठेस पहुंचती है।

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पूर्व नगरपालिका अध्यक्ष अखिलेश खंडेलवाल ने नगरपालिका अध्यक्ष की कुर्सी ग्रहण करने के बाद नर्मदा नदी को स्वच्छ करने का सकंल्प लिया था। उन्होंने उसी दिन से पैरों में चप्पल, जूते पहनना बंद कर दिया और आज भी वह नंगे पैर ही रह रहे है। उनके द्वारा नर्मदा नदी में मिलने वाले सभी नालों को हटाने का भरपूर प्रयास भी किया और उनके प्रयासों से मध्यप्रदेश सरकार ने करोड़ो रुपए की योजना बनाई। जिसका काम भी चल रहा है।

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