दिल्ली. गजल की दुनिया में नाम कमाने वाले पंकज उधास के लिए म्यूजिक का सफर महज 7 साल की उम्र से शुरू हो गया था. शौकिया तौर पर गाने की शुरुआत करने वाले पंकज ने म्यूजिक को बतौर प्रोफेशन चुना और बेहतर जिंदगी की तलाश में मुंबई जा पहुंचे. संगीत में रुची होने के कारण पंकज ने उस्ताद नवरंग से शिक्षा ली. पंकज उधास का आज 64वां जन्मदिन है.

1972 में फिल्म कामना से पंकज ने अपने फिल्मी करियर की शुरुआत की, लेकिन इस फिल्म के बुरी तरह फ्लॉप होने की वजह से उन्होंने गजलों की तरफ अपना रुख किया और उर्दू की तालीम हासिल की. पंकज उधास ने लगभग दस महीने तक टोरंटो रेडियो और दूरदर्शन में गाना गाया. यूं तो उन्होंने कई बॉलीवुड सुपरहिट गाने दिए हैं लेकिन आज भी उनका गाया हुआ गाना ‘चिट्ठी आई है’ लोगों की आंखों नम कर देता है.

संगीत के लिए दिए गए शानदार योगदान के लिए साल 2006 में भारत सरकार ने पंकज उधास को पद्मश्री से सम्मानित किया.

पंकज उधास ने कई सारी मधुर नगमें और गजलें गाईं. उन्होंने अपनी सबसे पहली स्टेज परफॉर्मेंस में राष्ट्रभक्ति गीत ‘ऐ मेरे वतन के लोगों’ गाया था. इस गाने के लिए ऑडियंस से उन्हें 51 रुपए मिले थे. पंकज के दोनों भाई मनहर उधास और निर्मल उधास भी गायक थे. मनहर उधास ने बॉलीवुड में सुपरहिट गाने गाए हैं. पंकज ने संगीत नाट्य एकेदमी में तबले की बारीकियां सीखीं. इसके बाद उन्होंने वोकल्स में क्लासिकल की ट्रेनिंग ली. पंकज द्वारा शराब पर गाई हुई कई सारी गजलें आज भी काफी प्रचलित हैं.

पंकज उधास ने फारिदा से शादी की. इस शादी से उनकी तीन बेटियां हैं. पंकज ने आदाब अर्ज है नाम से एक टैलेंट हंट शो भी चलाया था जो सोनी एंटरटेनमेंट पर प्रसारित किया गया था. पंकज उधास अब कम गाने गाते हैं और बहुत साधारण जीवन जीते हैं. पंकज नियमित रूप से रोज 6-7 अखबार पढ़ते हैं और खुद को फिट रखने के लिए योगा और कसरत करते हैं.