मार्गशीर्ष पूर्णिमा 26 दिसंबर 2023 को है. ये इस साल की आखिरी पूर्णिमा होगी. मार्गशीर्ष पूर्णिमा इस साल बहुत खास मानी जा रही है क्योंकि इस दिन कई शुभ योग का संयोग बन रहा है, जो व्रती को मां लक्ष्मी का आशीर्वाद प्रदान करेगा. शास्त्रों में मार्गशीर्ष या अगहन मास का महत्व बताते हुए इसे ‘मासोनम मार्गशीर्षोहम्’ कहा गया है, अर्थात् मार्गशीर्ष से अधिक शुभ कोई मास नहीं है. श्रीमद्भागवत गीता में भी भगवान श्री कृष्ण ने कहा है कि सभी महीनों में मार्गशीर्ष सबसे पवित्र मास है। साथ ही मार्गशीर्ष मास में पड़ने वाली पूर्णिमा भी पवित्र और श्रेष्ठ मानी जाती है. Read More – अगहन के गुरुवार : 15 खूबसूरत अल्पना रंगोली डिजाइन से करें मां लक्ष्मी का स्वागत …
कार्यक्रम ब्रह्म मुहूर्त से प्रारंभ करें
मार्गशीर्ष मास की शुरुआत 28 नवंबर से हुआ है और इसका समापन 26 दिसंबर 2023 को मार्गशीर्ष पूर्णिमा के साथ होगा. मार्गशीर्ष पूर्णिमा तिथि का आरंभ 26 दिसंबर की सुबह 5:46 बजे होगा और इसका समापन 27 दिसंबर की सुबह 6:02 बजे होगा. पूर्णिमा तिथि का व्रत, स्नान, दान आदि सभी कार्य 26 दिसंबर को करना ही मान्य होगा. मंगलवार 26 दिसंबर को मार्गशीर्ष पूर्णिमा के दिन स्नान और दान का कार्यक्रम ब्रह्म मुहूर्त से प्रारंभ हो जाएगा. Read More – ऑलिव कलर के स्विमसूट में Monalisa ने शेयर किया Photo, 41 की उम्र में दिखाई दिलकश अदाएं …
इस दिन किया गया दान अन्य पूर्णिमा की तुलना में 32 गुना फलदायी होता है. यही वजह है कि इसे बत्तीसी पूर्णिमा भी कहा जाता है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार पूर्णिमा का दिन आध्यात्मिक विकास, आंतरिक परिवर्तन और ग्रहों के हानिकारक प्रभावों को कम के लिए विशेष रूप से शक्तिशाली है. पुराणों के अनुसार अगहन पूर्णिमा पर व्रत, पूजा सत्यनारायण कथा करने वाले दीर्धायु होते हैं.
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