भोपाल। मध्यप्रदेश की 14 वीं विधानसभा का आखिरी सत्र सिर्फ डेढ़ दिन ही चल पाया और भारी हंगामे के कारण अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दिया गया। अविश्वास प्रस्ताव और नीलम मिश्रा जैसे मुद्दे सदन में हंगामे का कारण बनते रहे।
कल से शुरू हुए ये सत्र मात्र 5 दिवसीय था, विपक्ष सत्र की अवधि बढ़ाने की मांग कर रहा था, लेकिन ये सत्र डेढ़ दिन ही चल पाया और हंगामे के कारण इसे स्थगित कर दिया गया। सत्र के अंतिम दिन सभी विधायकों का ग्रुप फोटो सेशन होता है, लेकिन इस सत्र में यह भी नहीं हो पाया।
कांग्रेस इस सत्र में सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाना चाहती थी, लेकिन विधामसभा अध्यक्ष ने अस्वीकार कर दिया। वहीं, बीजेपी की विधायक नीलम मिश्रा ने अपनी ही सरकार के मंत्री राजेन्द्र शुक्ल पर अपने पति अभय मिश्रा का पुलिस से एनकाउंटर कराने की साजिश का आरोप लगाया। इससे पहले सुबह आपातकाल को लेकर बीजीपी विधायकों ने हंगामा किया।
इन तमाम मुद्दों पर विधानसभा में इतना हंगामा हुआ कि सदन की कार्रवाई 5 दिन भी नहीं चल सकी। हंगामे के बीच ही सरकार ने 8 हजार करोड़ के अनुपूरक बजट सहित सभी जरूरी विधेयक पास करा लिए। इसके बाद सदन समाप्ति की घोषणा कर दी गई। मध्यप्रदेश के संसदीय इतिहास में ये सबसे छोटा सत्र रहा।