गाजियाबाद. नोटबंदी लागू हुए डेढ़ साल से ज्यादा का समय हो गया है। देश में 1000 और 500 के पुराने नोट बदलने की सारी सीमाएं खत्म हो चुकी हैं, लेकिन चोर दरवाजे से यह गोरखधंधा अब भी जारी है। गाजियाबाद पुलिस ने ऐसे ही गैंग के 10 बदमाशों को गिरफ्तार कर करीब एक करोड़ रुपये की पुरानी करंसी बरामद की है। ये रुपये दो कारों से नेपाल ले जाए जा रहे थे ताकि वहां इन्हें एक्सचेंज कराया जा सके।

एसएसपी वैभव कृष्ण के मुताबिक, पुलिस को सोमवार रात मुखबिर से सूचना मिली थी कि कुछ लोग दो कारों में बड़ी मात्रा में पुरानी करंसी लेकर जा रहे हैं। कविनगर थाना प्रभारी प्रदीप त्रिपाठी के नेतृत्व में काम कर रही टीम ने पूजा कट के पास से इन दो कारों को पकड़ा। दोनों गाड़ियां थोड़ी देर के अंतराल पर आई थीं। गिरफ्तार आरोपितों में गाजियाबाद निवासी पिंटू, राहुल कुमार, मेरठ के रहने वाले राहुल शर्मा, काव्य, सचिन, मथुरा निवासी दीपक, दिल्ली के गौरव गर्ग, अवतार सिंह, अरुण गुप्ता और पलवल निवासी राजेश हैं। अवतार ड्राइवर, जबकि बाकी इंश्योरेंस एजेंट हैं।

पूछताछ में आया ग्रेनो के अनिल और आगरा के मिस्टर यादव का नाम
आरोपितों ने पूछताछ में बताया कि ये रुपये उन्हें ग्रेटर नोएडा के अनिल दीक्षित और आगरा के मिस्टर यादव नामक शख्स के माध्यम से मिले थे। चार दिन पहले ग्रेनो से पुरानी करंसी उठाई थी। पुलिस से बचने के लिए रुपये दो कारों में रखे गए थे ताकि अगर एक गाड़ी पकड़ी जाए तो भी आधी रकम नेपाल पहुंच जाए। पुलिस इन दोनों नामों की पहचान और भूमिका की तलाश में जुटी है।

एक करोड़ के बदले मिलते 10 लाख
इस मामले में अनिल दीक्षित से संपर्क में रहने वाले अरुण ने बताया कि इन रुपयों के बदले उन्हें 10 लाख रुपये मिलने थे। पुराने नोट नेपाल पहुंचाने के बाद ही यह रकम मिलती। उन्हें पुरानी करंसी नेपाल बॉर्डर तक लेकर जानी थी। इसके बाद अनिल का एक आदमी उन्हें नेपाल में आगे ले जाता। आरोपित दीपक ने बताया कि उन लोगों को सिर्फ रुपये लेकर जाने के लिए कहा गया था। इसके बदले में मिलने वाले रुपयों में से उन्हें तीन से चार फीसदी कमिशन मिलता। अनिल ने अभी उन्हें आगरा में यादव से मिलने को कहा था। इसके बाद पता चलता कि उन्हें किस नेपाल बॉर्डर पर पहुंचना है। अनिल ने इससे अधिक जानकारी नहीं दी थी। हालांकि इतना जरूर कहा था कि यह काम करने के बाद बड़ा ऑर्डर मिलेगा। यह भी पता नहीं चल सका है कि ये रुपये अनिल और यादव के हैं या उन लोगों ने किसी और से लिए थे।

अगली बार 100 कारों से भेजे जाते 200 करोड़ रुपये
पुरानी करंसी के साथ गिरफ्तार आरोपितों से पूछताछ में पता चला है कि पश्चिमी यूपी में एक हजार और पांच सौ रुपये के पुराने नोटों की बड़ी खेप मौजूद है। यह काम करने के बाद आरोपितों को 200 करोड़ के पुराने नोट लेकर नेपाल जाने का ऑर्डर मिलने वाला था। ग्रेनो के अनिल ने उन्हें इतनी बड़ी रकम ले जाने के लिए 100 कारों और इतने ही लोगों का इंतजाम करने के लिए कह दिया था। एसएसपी वैभव कृष्ण ने बताया कि यह पूरी जानकारी आयकर विभाग और शासन को दे दी गई है। कई और अहम जानकारी भी मिली है, जिसके आधार पर इस गैंग की बड़ी मछलियों को भी गिरफ्तार किया जाएगा।

रिस्क का खेल है
सूत्रों के अनुसार, अनिल और मिस्टर यादव के जरिये 200 करोड़ रुपये जुटाए जा रहे हैं। अनिल ग्रेनो में रुपये छुपाने और नेपाल में सेटिंग का काम करता है। वहीं, मिस्टर यादव रुपयों को नेपाल भेजने के लिए लोगों को तैयार करता है। एक आरोपित ने बताया कि नेपाल में अभी रुपये बदलने को लेकर सिस्टम शुरू नहीं हुआ है। सिर्फ चर्चा है। तस्करों को उम्मीद है कि जल्द ही यह सिस्टम शुरू हो सकता है, क्योंकि नेपाल के लिए 950 करोड़ रुपये एक बड़ी रकम है। ऐसे में अभी खेल रिस्क का है। उम्मीद है कि पुराने रुपये बदले जाने पर बड़ा फायदा होगा।

तो इसलिए नेपाल जा रही थी पुरानी करंसी
पुलिस की पूछताछ में आरोपितों ने बताया कि भारत में अब पुरानी करंसी को बदलने का कोई मौका नहीं है। दूसरी ओर नेपाल में अभी यह काम हो सकता है। जानकारी के अनुसार, नेपाल में पर्यटन के जरिये आए करीब 950 करोड़ रुपये के पुराने भारतीय नोट हैं। नेपाल ने इन्हें बदलने के लिए भारत से बात की है। भारत इन रुपयों का हिसाब मांग रहा है। वहीं, नेपाल का कहना है कि यह करंसी संगठित न होकर फुटकर में जमा हुई है।

दूसरी ओर, नेपाल राष्ट्र बैंक की तरफ से बयान जारी किया गया था कि भारतीय रिजर्व बैंक ने प्रति व्यक्ति साढ़े चार हजार रुपये बदलने की मौखिक सहमति दी है। हालांकि इस पर अभी काम नहीं शुरू हुआ है। बताया जा रहा है कि पुरानी करंसी बदलने का गोरखधंधा करने वाले इसी स्थिति का फायदा उठा रहे हैं। एसएसपी वैभव कृष्ण ने कहा कि इस मामले में आयकर विभाग को जानकारी दी गई है। वह भी अपने स्तर से जांच करेगा। जिन लोगों के नाम सामने आए हैं, उनकी तलाश में पुलिस टीम लगाई गई है।