रायपुर। हड़ताल से पहले आज शिक्षाकर्मियों को सरकार ने वार्ता के लिए बुलाया था. स्कूल शिक्षा सचिव के साथ मंत्रालय में 4 घंटे तक लगातार चर्चा हुई. लेकिन चर्चा पहले की तरह विपफ रही है. लिहाजा शिक्षाकर्मियों मंत्रालय में ही अपने आक्रोश को स्कूल शिक्षा सचिव विकासशील के सामने जाहिर कर दिया. शिक्षाकर्मियों ने शिक्षा सचिव को साफ कह दिया कि हड़ताल अब नहीं रुकने वाली है. 20 नवंबर से शिक्षाकर्मी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जा रहे हैं. हड़ताल की पूरी जिम्मेदारी सरकार की है.
बैठक में शिक्षा सचिव विकासशील सामान्य प्रशासन विभाग के सचिव के साथ-साथ पंचायत व वित्त विभाग के अधिकारियों के साथ करीब 4 घंटे की मैराथन बैठक के बाद भी शिक्षाकर्मियों की मांगों पर सहमति नहीं बन पायी. बैठक में शिक्षाकर्मी संगठन ने उन तमाम 9 मांगों पर चर्चा की जिसे लेकर शिक्षाकर्मी सालों से परेशान हैं. बैठक में छत्तीसगढ़ नगरीय निकाय मोर्चा के प्रांतीय संचालक वीरेंद्र दुबे, केदार जैन, संजय शर्मा, केदार जैन, विकास राजपूत,चंद्रदेव राय के अलावे अन्य 5 शिक्षाकर्मी प्रतिनिधि शामिल हुए. आज बैठक में बीएड में रियायत देने, नये वेतनमान, भत्ता जैसी मांगों पर सरकार सहमत तो थी, लेकिन शिक्षाकर्मियों की मुख्य मांगें शासकीयकरण और संविलियन पर बात नहीं बन पायी. विकासशाली ने आश्वस्त किया कि इन तमाम मुद्दों पर राज्य सरकार से बात कर ही कोई निर्णय लिया जायेगा. लिहाजा शिक्षाकर्मियों ने 20 नवंबर की हड़ता को जारी रखने का ऐलान किया.
लिहाजा इस बार शिक्षाकर्मियों ने ना सिर्फ 20 से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने की चेतावनी दी है, बल्कि ये भी साफ कर दिया है कि वे हड़ताल से पहले कोई वार्ता सरकार के साथ नहीं करेंगे. हालांकि ये भी शिक्षाकर्मी संचालकों ने कहा कि सरकार के पास अभी मांग पूरी करने के लिए कुछ दिनों की मोहलत है. शिक्षाकर्मी संघ के संचालक विरेन्द्र दुबे, केदार जैन, संजय शर्मा ने संयुक्त रूप से कहा कि शिक्षाकर्मी संघ पूरी तरह से एकजुट है. शिक्षाकर्मियों ने ये तय किया है कि 2012 के आंदोलन से दुगनी ताकत के साथ शिक्षाकर्मी राजधानी रायपुर पहुँचेंगे. अब सरकार 20 को होने वाले आंदोलन के लिए तैयार रहे.