राकेश चतुर्वेदी,भोपाल। कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा के आह्वान के बाद रायसेन के शिव मंदिर का ताला खुलवाने को लेकर सियासत गर्मा गई है. अब शिव मंदिर का ताला खुलवाने के लिए पूर्व सीएम उमा भारती मैदान में उतर गईं हैं. उमा भारती रायसेन स्थित शिव मंदिर जाएंगी. इसके लिए रायसेन कलेक्टर को पत्र लिखा है. जिसमें कहा कि उमा भारती 11 अप्रैल को सुबह 9 बजे शिव मंदिर में जलाभिषेक करने पहुंच रही हैं. इस कार्यक्रम के लिए आवश्यक व्यवस्थाएं करें.

पूर्व सीएम उमा भारती ने एक के बाद एक कई ट्वीट किए हैं. जिसमें लिखा है कि यह मान्यता है कि नवरात्रि के तुरंत बाद के पहले सोमवार को शिव जी का अभिषेक करना चाहिए. मैं शिव जी के किसी सिद्ध स्थान को तलाश ही रही थी कि नवरात्रि के बाद के 11 अप्रैल सोमवार को गंगोत्री से लाए हुए गंगाजल से अभिषेक करूं. अचानक कल मध्य प्रदेश के एक प्रतिष्ठित अखबार से रायसेन में कथा कर रहे प्रतिष्ठित कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा जी के हवाले से यह जानकारी मिली कि रायसेन के किले में एक ऐसा सिद्ध शिवलिंग है.

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रायसेन के किले के नाम से ही मेरे अंतः में हूक उठती है. विश्व प्रसिद्ध प्रामाणिक इतिहासकार Abraham Eraly ने अपनी पुस्तक Emperors of the Peacock Throne में लिखा है कि किस तरह से रायसेन के राजा पूरणमल शेरशाह सूरी के विश्वासघात के शिकार हुए. किले के चारों तरफ घेरा डालकर शेरशाह सूरी ने राजा पूरणमल से संधि कर ली, फिर उनके परिवार एवं उनके सहायकों के टेंट को शेरशाह सूरी ने अपने अफगान सैनिकों के साथ घेर लिया और रात में राजा पूरणमल को घेर कर मार डाला. राजा पूरणमल बहुत बहादुरी से लड़े, मरने से पहले उन्होंने अपनी पत्नी रानी रत्नावली के अनुरोध पर उनकी गर्दन काट दी ताकि वह वहशियों के शिकंजे में ना आ पावे, लेकिन उनके दो मासूम बेटे एवं अबोध कन्या टेंट में एक कोने में दुबक गए, जहां से उनको इन वहशियों ने खींच कर निकाला.

दोनों मासूम बेटे वहीं काट दिए गए एवं राजा पूरणमल की अबोध कन्या वैश्यालय को सौंप दी जहां वह दुर्दशा का शिकार होकर मर गई । जब भी मैं रायसेन के किले के आस पास से गुजरी यह प्रसंग मुझे याद आता था एवं बहुत दुःखी एवं शर्मिंदा होती थी. जब डॉ. प्रभुराम चौधरी के चुनाव प्रचार में मैंने एवं शिवराज जी ने रायसेन में एक साथ सभा की थी तब मैंने रायसेन के किले की ओर देखते हुए यह बात कही थी कि इस किले को देखकर मुझे बहुत कष्ट होता है और आज जब हमारा भाजपा का झंडा इसके सामने फहरा रहा है तो कुछ शांति होती है.

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राजा पूरणमल के साथ हुई घटना नीचता, विश्वासघात एवं वहशीपन की याद दिलाती है. मुझे अपनी इस अज्ञानता पर शर्मिंदगी है कि मुझे उस प्राचीन किले में सिद्ध शिवलिंग होने की जानकारी नहीं थी. मैंने अपने कार्यालय से कल कहा था कि रायसेन जिला प्रशासन को 11 अप्रैल सोमवार को मेरे वहां जल चढ़ाने की सूचना दें. जब मैं 11 अप्रैल सोमवार को उस सिद्ध शिवलिंग पर गंगोत्री से लाया हुआ गंगाजल चढ़ाऊंगी तब.  राजा पूरणमल, उनकी पत्नी रत्नावली, उनके मार डाले गए दोनों मासूम बेटे एवं वहशी दुर्दशा की शिकार होकर मर गई अबोध कन्या एवं उन सब के साथ मारे गए राजा पूरणमल के सैनिक उन सबका मैं तर्पण करूंगी एवं अपनी अज्ञानता के लिए क्षमा मांगूंगी.

बता दें कि बीते दिनों व्यास गद्दी से शिवमहापुराण कथा के दौरान हजारों श्रद्धालुओं के सामने पंडित प्रदीप मिश्रा ने कहा था कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के राज्य में ही ‘शिव’ कैद में हैं. ऐसे में कैसे सुख हो सकता है. जो देवों का देव महोदव हैं, लेकिन वो देश की आजादी के बाद से ‘कैद’ में है और आज तक कोई उनको ‘कैद’ से बाहर नहीं ला सका है. रायसेन के लोगों धिक्कार है, जो आज तक उनको बाहर नहीं ला सके. पंडित प्रदीप मिश्रा ने कहा कि मैं शिवराज जी से अपील करता हूं कि वो मंदिर के ताले खुलवाएं.

साल में एक बार खुलता है मंदिर का ताला

रायसेन के सोमेश्वर महादेव मंदिर का ताला साल में सिर्फ एक बार महाशिवरात्रि के दिन खुलता है, वो भी सिर्फ 12 घंटे के लिए मंदिर के द्वार खोले जाते हैं. इस दौरान प्रशासनिक और पुरातत्व विभाग के अधिकारी मौजूद रहते हैं और सूर्यास्त के बाद बंद कर दिया जाता है. बाकी दिन मंदिर में ताला लगा रहता है. अब इस ताले को ही खुलवाने की मांग की जा रही है.

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