जबलपुर। मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने अतिथि शिक्षकों द्वारा दायर याचिका पर बड़ा फैसला सुनाते हुए राज्य सरकार को निर्देश दिया है कि वह उनकी नियमितीकरण की मांग पर 30 दिनों के भीतर निर्णय ले। ऐसा न किए जाने पर अतिथि शिक्षक अवमानना याचिका दायर करने स्वतंत्र होंगे। याचिकाकर्ता अतिथि शिक्षकों की ओर से दलील दी गई कि वे 10 वर्ष से अधिक अवधि से सेवाएं देते आ रहे हैं। 

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अतिथि शिक्षकों ने खुद को नियमितीकरण का पात्र बताते हुए सरकार पर अनसुनी करने का आरोप लगाया था। हाईकोर्ट ने इस मामले में गंभीर रुख अपनाते हुए सरकार को स्पष्ट निर्देश दिया कि वह अतिथि शिक्षकों की मांग पर जल्द निर्णय ले। यह फैसला राज्यभर के हजारों अतिथि शिक्षकों के लिए एक बड़ी राहत साबित हो सकता है, जो लंबे समय से नियमितीकरण की आस लगाए बैठे हैं।

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