रायपुर। राजधानी रायपुर की सफाई व्यवस्था को लेकर सामाजिक कार्यकर्ता नितिन सिंघवी की याचिका पर NGT द्वारा गठित की गई तीन सदस्यीय समिति की रिपोर्ट पर NGT ने शुक्रवार को सुनवाई करते हुए रायपुर नगर निगम को BSUP कॉलोनी कचना की तत्काल सफाई का निर्देश दिया है. इसके साथ ही न्यायालय ने छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण मंडल और रायपुर नगर निगम से 7 फरवरी तक जवाब मांगा है. समिति की तरफ से रिपोर्ट और जिरह अधिवक्ता आरुषी चौहान ने किया और मामले की सुनवाई NGT के न्यायाधीश डॉ सत्यवान सिंह गर्बयाल ने की.
आपको बता दें NGT के आदेशानुसार गठित की गई समिति ने दिनांक 15 दिसम्बर और 30 दिसम्बर को अन्य स्थानों के साथ BSUP कालोनी कचना का निरीक्षण किया जहां पर 1200 फ्लैट में 1500 से अधिक लोग रहते हैं. रिपोर्ट में समिति ने बताया कि वहां गंदगी व बदबू की स्थिति इतनी असहनीय है कि वहां के निवासियों को छोड़कर अन्य कोई व्यक्ति वहां ज्यादा देर रह नहीं सकता. गंदगी में पैदा हुए कीडे़ इतनी अधिक संख्या में है कि वे पहली मंजिल तक चढ़ जाते हैं. समिति ने NGT को बताया कि BSUP कालोनी कचना में रहने वाले स्वस्थ नहीं दिखे तथा वहां बच्चों का सामान्य विकास होना असंभव प्रतीत होता है. समिति ने NGT को बताया कि पूरे प्रदेश में कचना BSUP कालोनी से बदतर स्थिति किसी भी कॉलोनी की नहीं हो सकती. समिति ने अपनी रिपोर्ट में न्यायालय से निवेदन किया कि कचना, BSUP कालोनी को “आपात स्थिति“ मानते हुए नगर पालिका निगम को तत्काल वहां की सफाई व्यवस्था करने का निर्देश जारी करें तथा वहां के नागरिकों को स्वच्छता में रहने हेतु शिक्षित किया जावे.
समिति द्वारा सौंपी गई रिपोर्ट के अवलोकन पश्चात् NGT ने नगनिगम को कचर पालिका ना BSUP कालोनी की तत्काल सफाई करने के निर्देश दिये. इसके साथ ही NGT ने समिति को भी आदेश दिया कि समिति सभी रिपोर्ट की प्रतियां छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण मंडल तथा नगर पालिका निगम रायपुर को दे. जिस पर दोनों अगली सुनवाई 7 फरवरी तक अपने जवाब प्रस्तुत करें.
गौरतलब है कि वर्ष 2012 से BSUP कालोनी कचना से कचरा नहीं उठाया गया है. जहां से अनुमानतः 400-500 ट्रक कचरा निकलेगा. समिति ने दिसम्बर 2017 तक 8 बार रायपुर शहर के विभिन्न बाड़ों का निरीक्षण किया है समिति ने समय-समय पर अपनी रायपुर की व्यवस्था के लिये रिपोर्ट में यह भी बताया है कि-
(I) अधिकतम स्थानों पर साॅलिड वेस्ट मैनेजमेंट नियम के तहत डोर टू डोर कचरा नहीं उठाया जा रहा है जो कि गंदगी का मुख्य कारण है.
(II) झाडू लगाकर कचरा नालियों में डाल दिया जाता है.
(III) नगर पालिका निगम शहर में खुद ही कचरा इकट्ठा करता है तथा उसे उठा कर भूमि मरण स्थल पर पहुचांने में असमर्थ साबित हो रहा है.
(IV) शहर में व्यापक स्तर पर कचरा जलाया जाता है.
(V) Waste Pickers’ हेतु प्रावधानित नियमों का पालन नहीं किया गया है.
(VI) कहीं भी Material Recovery Center की स्थापना नही की गई है.
ऐसे हुआ समिति का गठन
आपको बता दें कि रायपुर की सफाई व्यवस्था एवं सरोना-सकरी डंपिंग यार्ड के मामले में दायर की गई शिकायत प्रकरण (43/2016) में NGT भोपाल ने जुलाई 2017 में आदेशित किया था कि शिकायतकर्ता नितिन सिंघवी तीन प्रतिष्ठित नागरिक या सेवानिवृत्त अधिकारियों के नाम आयुक्त नगर पालिका निगम को दें. आयुक्त तीन सदस्यी समिति का गठन करेंगे तथा समिति एक वर्ष तक माह में दो बार नगर पालिका निगम के अतिरिक्त आयुक्त के साथ रायपुर शहर की सफाई व्यवस्था का निरीक्षण कर प्रति माह NGT को रिपोर्ट पेश करेगी. शिकायतकर्ता के सुझाव पर आयुक्त नगर पालिका निगम ने सेवानिवृत्त उपसंचालक स्वास्थ्य सेवायें डाॅ. विनय बांठिया, फारेंसिक एक्सपर्ट डाॅ. सुनंदा ढेंगे तथा सीनियर सिटीजन एवं सामाजिक कार्यकर्ता इन्दरजीत सिंह छाबड़ा की समित गठित की. समिति ने सितम्बर 2017 से प्रत्येक माह में दो बार रायपुर की सफाई व्यवस्था का निरीक्षण किया और जगह-जगह लगे गंदगी के ढेरों की फोटो NGT को रिपोर्ट समेत प्रस्तुत की.
डॉ विनय बांठिया ने लल्लूराम डॉट कॉम से बातचीत में बताया कि NGT के आदेश पर गठित की गई समिति साफ सफाई की मानिटरिंग करेगी. समिति हर 15 दिन में उन क्षेत्रों में जाकर वहां की स्थिति देखेगी और फोटो खींचकर NGT को भेजेगी. समिति के साथ नगर निगम के 2 अधिकारी मौजूद रहेंगे जो कि उन्हें उन क्षेत्रों में लेकर जाएंगे.