हिंदू धर्म में गायत्री मंत्र को महामंत्र भी कहा जाता है. इसका महत्व सर्वोपरि माना गया है. मान्यता है कि दुनिया की पहली पुस्तक ऋग्वेद की शुरुआत इसी मंत्र से होती है. ब्रह्मा जी ने चार वेदों की रचना से पहले इस मंत्र की रचना की थी.

गायत्री मंत्र के तीन अर्थ होते हैं, जो इस प्रकार हैं

पहला अर्थ: हम पृथ्वीलोक, भुवर्लोक और स्वर्लोक में व्याप्त उस सृष्टिकर्ता प्रकाशमान परमात्मा के तेज का ध्यान करते हैं. हमारी बुद्धि को सन्मार्ग की तरफ चलने के लिए परमात्मा का तेज प्रेरित करे.

दूसरा अर्थ: उस दुःखनाशक, तेजस्वी, पापनाशक, प्राणस्वरूप, सुखस्वरूप, श्रेष्ठ, देवस्वरूप परमात्मा को हम अंत:करण में धारण करें. हमारी बुद्धि को सन्मार्ग में परमात्मा प्रेरित करे.

तीसरा अर्थ: ॐ: सर्वरक्षक परमात्मा, भू: प्राणों से प्यारा, भुव: दुख विनाशक, स्व: सुखस्वरूप है, तत्: उस, सवितु: उत्पादक, प्रकाशक, प्रेरक, वरेण्य: वरने योग्य, भर्गो: शुद्ध विज्ञान स्वरूप का, देवस्य: देव के, धीमहि: हम ध्यान करें, धियो: बुद्धि को, यो: जो, न: हमारी, प्रचोदयात्: शुभ कार्यों में प्रेरित करें.

मान्यता है कि अगर इस मंत्र का लगातार जपा जाए, तो इससे मस्तिष्क का तंत्र बदल जाता है. इससे मानसिक शक्ति बढ़ती है और नकारात्मक शक्तियां जपकर्ता से दूर चली जाती हैं.

इस मंत्र के जाप से जीवन में सुख, शांति और समृधि आती है. अगर आप आर्थिक संकट से गुजर रहे हैं तो रोजाना स्नान-ध्यान के बाद कम से कम 11 बार जरूर जाप करें. इससे जीवन में आ रही आर्थिक संकट दूर हो जाएंगे.

मंगल गायत्री मंत्र का जाप करने से न केवल मंगल देव प्रसन्न होते हैं बल्कि हनुमान जी की भी कृपा प्राप्त होती है. जो लोग बहुत लम्बे समस्य से कर्ज में दबे हुए हैं तथा बहुत प्रयास करने पर भी कर्ज से छुटकारा नहीं मिल पा रहा है, तो इस मंत्र के जाप से शीघ्र ही कर्ज उतारने में सहयता होती है.

मंगल गायत्री मंत्र

“ॐ अंगारकाय विद्महे शक्ति हस्ताय धीमहि, तन्नो भौमः प्रचोदयात्” ।।

मंगल गायत्री मंत्र

ॐ क्षिति पुत्राय विदमहे लोहितांगाय

धीमहि-तन्नो भौम: प्रचोदयात।

मंगल ग्रह का तांत्रिक मंत्र

  • ॐ हां हंस: खं ख:
  • ॐ हूं श्रीं मंगलाय नम:
  • ॐ क्रां क्रीं क्रौं स: भौमाय नम:
  • ॐ हं हनुमंते रुद्रात्मकाय हुं फट्

रोजाना पूजा करने के समय इस मंत्र का जाप जरूर करें. इसे हनुमान जी की पूजा करने से पहले उच्चारण करें. ऐसा कहा जाता है कि इस मंत्र के जाप से हनुमान जी जल्दी प्रसन्न होते हैं.

अन्य उपाय

  • मंगलवार के दिन हनुमान जी की पूजा करें.
  • मंदिर जाकर हनुमान जी को प्रसाद भेंट करें.
  • हनुमान चालीसा का रोजाना पाठ करें.
  • सुंदरकांड सहित रामचरितमानस का पाठ कर सकते हैं.