सत्या राजपूत, रायपुर. रेन वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम को लागू करने में लापरवाही बरतने वाले भवन स्वामियों के खिलाफ रायपुर नगर पालिका निगम ने कार्रवाई शुरू कर दी है. रायपुर के जोन 9 में 2012 से 2017 के बीच भवन निर्माण अनुज्ञा के लिए 301 भवन स्वामियों की जमा की गई 1 करोड़ 4 लाख 1623 रुपए की सुरक्षा राशि एफडीआर को राजसात कर लिया गया है. बता दें कि इस मामले को लल्लूराम डॉट कॉम ने उठाया था, जिसके बाद अब कार्रवाई शुरू हुई है.
जोन 9 के कमिश्नर ने बताया कि नगर निगम आयुक्त विश्वदीप के निर्देश पर जोन 9 के नगर निवेश विभाग ने यह कार्रवाई शुरू की है. अब राजसात की गई राशि का उपयोग इन 301 भवनों और संस्थानों में रेन वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम स्थापित करने के लिए किया जाएगा. यह कदम जल संरक्षण और भूजल स्तर को बनाए रखने के लिए उठाया गया है.

बता दें कि इस मामले को लल्लूराम डॉट कॉम ने उठाया था, जिसके बाद नगरीय प्रशासन मंत्री अरुण साव ने संज्ञान लिया और प्रदेश के सभी नगरीय निकायों में सख्ती बरतने के आदेश दिए थे. खबर में बताया गया था कि कई भवन स्वामी राशि जमा करने के बाद न तो सिस्टम लगवा रहे थे और न ही नगर निगम द्वारा इसकी निगरानी या कार्रवाई की जा रही थी.
बाकी 9 जोनों में 18 करोड़ रुपये से अधिक एफडीआर राशि होगी राजसात
रायपुर नगर निगम के 10 जोनों में से अभी केवल जोन 9 में यह कार्रवाई हुई है. बाकी 9 जोनों में 18 करोड़ रुपये से अधिक की एफडीआर राशि राजसात करने की प्रक्रिया शेष है. नगर निगम ने स्पष्ट किया है कि नियमों का पालन न करने वाले अन्य भवन स्वामियों के खिलाफ भी इसी तरह की कार्रवाई की जाएगी.
छत्तीसगढ़ में रेन वॉटर हार्वेस्टिंग के नियम और कानून
150 वर्ग मीटर 1500 वर्ग फीट या उससे अधिक क्षेत्रफल वाले सभी भवनों, चाहे वे आवासीय, व्यावसायिक या शासकीय हो, में रेन वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाना अनिवार्य है. भवन निर्माण अनुज्ञा के समय भूखंड के आकार के आधार पर 15,000 रुपए तक की सुरक्षा राशि एफडीआर जमा करानी होती है. सिस्टम स्थापित होने और सत्यापन के बाद यह राशि वापस की जाती है. सिस्टम की स्थापना के बाद नगर निगम अधिकारी साइट का दौरा करते हैं और जियो-टैगिंग के साथ फोटो सत्यापन करते हैं.
रेन वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम के फायदे
भूजल स्तर में सुधार – वर्षा जल को संचय करके भूजल स्तर को बनाए रखने में मदद मिलती है, जिससे पानी की कमी की समस्या कम होती है.
पानी की बचत-संग्रहित जल का उपयोग घरेलू कार्यों, बागवानी और अन्य जरूरतों के लिए किया जा सकता है, जिससे जल बिल में कमी आती है.
बाढ़ नियंत्रण- बारिश का पानी नालों में बहने के बजाय संग्रहित होता है, जिससे शहरी में बाढ़ की समस्या कम होती है.
पर्यावरण संरक्षण-जल संरक्षण से प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण होता है और पर्यावरणीय संतुलन बनाए रखने में मदद मिलती है.
रायपुर में केवल 4,700 भवनों में ही लगे हैं रेन वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम
हालांकि नियम सख्त हैं, लेकिन रायपुर में केवल 4,700 भवनों में ही यह सिस्टम स्थापित है, जबकि शहर में साढ़े तीन लाख मकान हैं. नगर निगम अधिकारियों की लापरवाही और लोगों में जागरूकता की कमी इसकी प्रमुख वजह रही है. भू-जल सर्वेक्षक विशेषज्ञों का कहना है कि यदि सभी भवनों में यह सिस्टम लागू हो जाए तो रायपुर में गर्मियों में जल संकट की समस्या काफी हद तक कम हो सकती है.
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