हेमंत शर्मा, इंदौर। इंदौर में गांव छोड़ने का तुगलकी फरमान नहीं मानने पर एक मुस्लिम परिवार की पिटाई का मामला सामने आया है। पिटाई से मुस्लिम परिवार के 5 लोग घायल हुए हैं जिनका इलाज जारी है। मामले ने अब राजनीतिक तूल पकड़ लिया है। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने ट्वीट कर घटना को शर्मनाक बताया है और सवाल उठाया है कि क्या प्रशासन ने गुंडों के सामने समर्पण कर दिया है।

मामला इंदौर के कंपेल गांव का है। बताया जा रहा है कि गांव में 5 मुस्लिम परिवार पिछले कई सालों रह रहे थे। लेकिन एक महीने पहले गांव की बहुसंख्यक समुदाय ने उन्हें गांव छोड़ कर जाने का तुगलकी फरमान जारी कर दिया। ग्रामीणों के तुगलकी फरमान की वजह से 4 मुस्लिम परिवारों ने गांव से पलायन कर दिया। लेकिन एक परिवार ने अपना घर नहीं छोड़ा।

बीती रात गांव वालों ने इस परिवार को घर खाली करने कहा, जिसे लेकर दोनों पक्षों में विवाद हो गया और गांव वालों ने परिवार के साथ जमकर मारपीट की। यहां तक कि छोटे बच्चों और महिलाओं को भी नहीं बख्शा गया। घटना के बाद घायलों को एमवाय अस्पताल लाया गया। मामले में एसपी महेश चंद्र जैन का कहना है ट्रैक्टर निकालने की बात पर विवाद हुआ था। मामले की जांच पुलिस द्वारा की जा रही है।

मामले में पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने जमकर नाराजगी जाहिर की है। उन्होंने ट्वीट कर घटना को शर्मनाक बताते हुए इंदौर प्रशासन पर सवाल उठाया है। उन्होंने कहा कि इसी विषय पर इंदौर उच्च न्यायालय में उन्होंने याचिका दाखिल की है।

दिग्विजय ने ट्वीट कर कहा, “अत्यंत शर्मनाक व्यवहार है।क्या इंदौर प्रशासन ने इन गुण्डों के सामने समर्पण कर दिया है? उच्च न्यायालय इंदौर में इसी विषय पर मेरी पिटीशन है जिसमें मैंने राज्य सरकार से उच्चतम न्यायालय के निर्देशनों को पालन करने का अनुरोध किया है। मैं आख़री दम तक ऐसे अन्याय का विरोध करूँगा।”