दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच की टीम ने एक ऐसे हत्याकांड की गुत्थी सुलझाई है, जिसमें एक महिला ने अपने हिस्ट्रीशीटर पति की हत्या की साजिश रचकर शव को फेंकवा दिया था और पुलिस को गुमराह करने के लिए झूठी गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी।

यह हत्या बीते वर्ष पांच जुलाई को हरियाणा के सोनीपत जिले के गन्नौर थाना क्षेत्र में की गई थी, जिसमें अलीपुर के हिस्ट्रीशीटर प्रीतम प्रकाश की हत्या कर शव एक नाले में फेंक दिया गया था। पुलिस ने मृतक की पत्नी सोनिया और उसके प्रेमी सोनीपत के गांव जजी के रोहित को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने खुलासा किया है कि पत्नी सोनिया और उसके प्रेमी रोहित (28) ने मिलकर प्रीतम प्रकाश की हत्या की साजिश रची थी. दोनों आरोपियों पुलिस ने 1 अगस्त को गिरफ्तार कर लिया है.

शराबी पति अक्सर करता था मारपीट

पुलिस के अनुसार, 5 जुलाई 2024 को प्रीतम प्रकाश की हत्या कर शव हरियाणा के सोनीपत जिले के गांव अगवापुर के पास नाले में फेंक दिया गया था. 15 दिन बाद, उसकी पत्नी सोनिया (34) ने अलीपुर थाने में गुमशुदगी की शिकायत दर्ज कराई थी. इंडियन एक्सप्रेस के रिपोर्ट के मुताबिक, सोनिया और प्रीतम की शादी तब हुई थी जब वह मात्र 16 साल की थी. यह लव मैरेज था लेकिन शादीशुदा जीवन में तनाव बना रहा.

प्रीतम नशे का आदी था और अकसर सोनिया के साथ मारपीट करता था. वह कई बार अवैध हथियार रखने, चोरी, अपहरण जैसे मामलों में जेल जा चुका था. 2023-24 में सोनिया की सोशल मीडिया पर रोहित से जान-पहचान हुई, जो दिल्ली में टैक्सी चलाता था. धीरे-धीरे दोनों के बीच नजदीकियां बढ़ीं और इसी दौरान हत्या की साजिश तैयार की गई.

हत्या की रात और घटनाक्रम की पूरी कड़ी

2 जुलाई 2024 को प्रीतम से झगड़े के बाद सोनिया अपने प्रेमी रोहित की टैक्सी से अपनी बहन के घर सोनीपत के गन्नौर गई थी। उसी दौरान सोनिया ने रोहित से हत्या की बात की लेकिन 6 लाख की डिमांड पर विचार टाल दिया. 3 दिन बाद प्रीतम उसे लेने गन्नौर पहुंचा, जहां दोनों में फिर झगड़ा हुआ और सोनिया ने अपमानित होकर हत्या की ठान ली.

पूछताछ में सामने आया कि सोनिया ने अपने पति प्रीतम की हत्या की सुपारी अपने रिश्तेदार विजय को दी थी, जो वर्तमान में हरियाणा की जेल में बंद है। दरअसल, इस पूरे मामले का राज हिस्ट्रीशीटर प्रीतम प्रकाश के मोबाइल फोन से खुला जो उसकी पत्नी सोनिया ने ठिकाना लगाने के लिए प्रेमी रोहित को दिया था, लेकिन उसने मोबाइल अपने पास रखा और फोन की लोकेशन से पुलिस टीम आरोपितों तक पहुंच सकी। सोनिया ने अपने बहन के देवर विजय को 50 हजार रुपये में सुपारी दे दी। बीते वर्ष पांच जुलाई को प्रीतम, सोनिया को लेने गन्नौर पहुंचा था।

सोनिया ने बहन के घर उसे रुकने को मनाया और रात में छत पर बच्चों के साथ सोने चली गई, जबकि प्रीतम और विजय नीचे के कमरे में थे। अगले दिन प्रीतम गायब था। विजय ने बताया कि उसने उसकी हत्या कर शव को गांव अगवानपुर के पास नाले में फेंक दिया है।

हत्या के बाद, बीते वर्ष 20 जुलाई को सोनिया ने अलीपुर थाने में अपने पति की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई। उधर, 10 जुलाई को गन्नौर थाना क्षेत्र के एक नाले से एक अज्ञात शव बरामद हुआ था। तब मृतक की पहचान नहीं हो पाई थी।

केस खुला मोबाइल ट्रैकिंग से, अब सभी आरोपी गिरफ्तार

पुलिस ने बताया कि जब एक मामले में प्रीतम को भगोड़ा घोषित किया गया, तब जांच के दौरान उसका मोबाइल ट्रैक हुआ जो सोनीपत के जाजी गांव में एक्टिव था. वहां दबिश में प्रीतम की जगह रोहित मिला जिसके पास वही मोबाइल था. पूछताछ में रोहित टूट गया और बताया कि वह सोनिया का प्रेमी है और मोबाइल उसने हत्या के बाद तोड़ने के लिए लिया था.

इसके बाद सोनिया को भी गिरफ्तार किया गया. जांच में पता चला कि प्रीतम की लाश 10 जुलाई को सोनीपत पुलिस को मिली थी, जो उस समय अज्ञात शव के रूप में दर्ज की गई थी. जून 2025 में विजय को चोरी के केस में गिरफ्तार किया गया था, जो इस हत्या की आखिरी कड़ी साबित हुआ.

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