नई दिल्ली. देश में जगहों का नाम बदलने का सिलसिला जारी है. दिल्ली के मुगल गार्डन का नाम बदलकर अमूल उद्यान कर दिया गया है. वहीं उत्तर प्रदेश के कई स्थानों का नाम बदला गया और कई जगहों की बदलने की चर्चा भी हो रही है. वहीं एनसीईआरटी की किताबों से मुगलों का इतिहास हटा दिया गया है. इस बीच अखिल भारत हिंदू महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष स्वामी चक्रपाणि महाराज ने लाल किला का नाम बदलने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है.
स्वामी चक्रपाणि महाराज ने नाम बदलने के लिए पीएम मोदी को एक ज्ञापन पत्र दिया है. अखिल भारत हिंदू महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष स्वामी चक्रपाणि महाराज ने अपने इस पत्र में मांग करते हुए लिखा है कि लाल किला का नाम बदल कर भगवा किला कर दिया जाए. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखते हुए स्वामी चक्रपाणि महाराज ने कहा कि जैसा कि सर्वाविदत है कि लाल किला (पूर्व नाम लाल कोट) का निर्माण 1060 में हिंदू राजा अनंगपाल तोमर ने कराया था जो अभिमन्यु के वंशज और महान हिंदू वीर पृथ्वीराज चौहान के नाना थे. लेकिन विदेशी लुटेरे मुगलों ने उस पर बाद में कब्जा कर लिया और कुछ चाटुकार इतिहासकारों ने यह भ्रामकर प्रचार किया कि शाहजहां ने 1638 में लाल किला बनवाया जो बिल्कुल गलत है.
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जैसे श्री राम मंदिर, श्री कृष्ण जन्मभूमि, श्री काशी विश्वनाथ मंदिर आदि पर मुगलों ने अवैध कब्जा कर मस्जिद का निर्माण करा दिया, उसी तरह हमारे बहुत सारे महापुरुषों द्वारा बनाए गए जैसे आगरा के तेजो महालय शिव मंदिर को ताजमहल, दिल्ली के सूर्य मंदिर को कुतुबमीनार कर दिया. इसके साथ ही स्वामी चक्रपाणि महाराज ने अपने लेटर में लिखा कि हिंदू राजाओं द्वारा बनाया गया लाला किला जो पूर्व नाम लालकोट था पर कब्जा कर अपने दरबारी इतिहासकारों से मुगलों द्वारा निर्मित होने का झूठा भ्रम फैलाया क्योंकि वर्तमान में आपकी सरकार द्वारा देश हित में जो निर्णय लिए जा रहे हैं जैसे राष्ट्रपति भवन में स्थित मुगल गार्डन का नाम बदलकर अमृत उद्यान किया जाना. एनसीईआरटी के पुस्तकों में मुगलों के काले इतिहास को खत्म करना बहुत ही सराहनीय है. इसी कड़ी में मेरी यह मांग है कि लाल किले का नाम भगवा किला किया जाए.
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