दंतेवाड़ा. जिले में करीब 3 हजार फीट की ऊंचाई पर ढोलकल शिखर पर स्थापित गणेश भगवान की मूर्ति के साथ असामाजिक तत्वों ने छेड़छाड़ की है. मूर्ति के सूंड में पत्थर से खरोंचकर अपना नाम लिखा है. इस ऐतिहासिक मूर्ति से छेड़छाड़ करने के बाद लोगों में काफी नाराजगी देखने को मिल रही है.
दरअसल, ढोलकल शिखर पर विराजे गणपति के दर्शन करने लोगों की भीड़ दिन ब दिन बढ़ती जा रही है. घने जंगल और पहाड़ी रास्तों पर ट्रैकिंग कर यहां पहुंचा जाता है इसलिए पर्यटन के लिहाज से यह क्षेत्र पर्यटकों के लिए बेहद पसंदीदा हो गया है. यहां ट्रैकिंग के साथ ही भगवान के दर्शन करते हैं.
लोगों की जुड़ी है आस्था
इस शिखर में विराजे गणपति जी से लोगों की आस्था जुड़ी है. साथ ही कई किवदंतियां भी है. बताया जाता है कि भगवान परशुराम और गणेश जी का यहां युद्ध हुआ था. इसके बाद यहां एक दंत वाले गणेश जी की मूर्ति स्थापित की गई थी. हालांकि इसकी पुष्टि अब तक नहीं हो पाई है. गांव के बुजुर्गों और पुरानी कहानी के अनुसार यह जानकारी सामने आई थी. वर्तमान में यहां हर साल ढोलकल महोत्सव का भी आयोजन किया जाता है.
कुछ साल पहले फेंक दिए थे मूर्ति
यह पहली बार नहीं है कि मूर्ति के साथ छोड़छाड़ हुई हो. कुछ साल पहले भी मूर्ति को असामाजिक तत्वों ने नीचे खाई में फेंक दिया था. हालांकि मूर्ति को ढूंढने पूरा प्रशासन लगा था. पुलिस जवानों, ड्रोन कैमरे की मदद से मूर्ति के टुकड़ों को ढूंढा गया था. फिर, एक-एक कर मूर्ति को फिर से जोड़ा गया था. हालांकि उस समय भी सूंड का अंतिम हिस्सा नहीं मिल पाया था. प्रशासन ने इस ऐतिहासिक मूर्ति को फिर से वहीं स्थापित किया था.
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