पंकज सिंह भदौरिया,दंतेवाड़ा। जिला पुलिस ने बीते 2 दिसंबर को एक प्रेसनोट जारी कर दावा किया किया था कि सन्ना हेमला नाम का एक लाख रुपये का इनामी नक्सली मलंगीर एरिया कमेटी के नक्सलियों के चंगुल से जान बचाकर सरेंडर करने दन्तेवाड़ा एसपी के समक्ष पहुँचा है. जहाँ एसपी ने 10 हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि भी दी थी. अब परिजनों का कहना है कि सन्ना हेमला की 2 वर्षो से दिमागी हालात ठीक नही है. वह नक्सली नहीं है ग्रामीण है. घर से भी बिना बताये कही भी भाग जाता था. अभी अगर सरेंडर किया है. तो वर्तमान में सन्ना हेमला कहा है.

अब नहाड़ी गांव के मरपारा से कथित सरेंडर नक्सली सन्ना हेमला के परिजन दन्तेवाड़ा पहुँचकर हेमला की तलाश कर मिलना चाहते है. पर इधर सन्ना हेमला बिना बताए समपर्ण के दूसरे दिन से लापता है. दन्तेवाड़ा पहुँचे परिजनों में कथित समर्पित नक्सली सन्ना हेमला की पत्नी भीमे भाभी देवे और बूढ़ी दादी नंदे के साथ छोटा भाई केशव पहुँचे हुए.

दंतेवाड़ा एसपी अभिषेक पल्लव ने कहा कि सन्ना हेमला खुद चलकर सरेंडर करने पहुँचा था. परिवार से हमने दूसरे दिन मिलवाया भी परिवार ने उस पर दबाव बनाया कि तुम्हारे सरेंडर करने से नक्सली पूरे परिवार को परेशान करेंगे. इसलिए वह परेशान होकर अपने साथियों के साथ निकल गया होगा. समर्पण के बाद वह स्वतंत्र है, उसने घर जाने की इच्छा जताई तो वह घर निकल गया. अब परिवार वाले जबरन आरोप लगा रहे है. वह मेंटल है. जबकि उसने कई महत्वपूर्ण सूचना भी दी थी हमारे पास पूरी सन्ना हेमला की प्रोफाइल है.

पुलिस द्वारा जारी प्रेसनोट पर सन्ना हेमला को नक्सलियों के संगठन में डीकेएमएस अध्यक्ष बताते हुये 2010 से नक्सली संगठन में सक्रिय दर्शाया गया था.