नई दिल्ली। दिल्ली में जल्द ही नगर निगम के चुनाव कराए जा सकते हैं. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने दिल्ली नगर निगम के एकीकरण के बाद वार्ड की संख्या तय कर दी है. एमसीडी दिल्ली नगर निगम में परिसीमन के बाद 22 वार्ड कम हो जाएंगे. दिल्ली में अभी 272 वार्ड हैं, जो घटकर 250 रह जाएंगे. बता दें कि इस साल मई के महीने में दिल्ली के तीनों नगर निकायों को मिलाकर नया एकीकृत दिल्ली नगर निगम (यूनिफाइड एमसीडी) बना दिया गया था. नवनियुक्त विशेष अधिकारी और आयुक्त ने भी तत्काल प्रभाव से पद ग्रहण कर लिया था.
केंद्र सरकार का अहम फैसला
19 मई को केंद्र सरकार ने दिल्ली के तीन नगर निकायों के विलय के लिए एक अधिसूचना जारी की थी, क्योंकि दक्षिणी दिल्ली नगर निगम का कार्यकाल 18 मई को समाप्त हो गया. जबकि उत्तरी दिल्ली नगर निगम और पूर्वी डीएमसी ने क्रमश: 19 और 22 मई को कार्यकाल पूरा कर लिया है. 20 मई को केंद्रीय गृह मंत्रालय ने एकीकृत दिल्ली नगर निगम के विशेष अधिकारी और आयुक्त की नियुक्ति की थी. गृह मंत्रालय ने आईएएस अधिकारी अश्विनी कुमार को एकीकृत दिल्ली नगर निगम का विशेष अधिकारी और आयुक्त नियुक्त किया. आदेश के अनुसार वह 22 मई से अगले आदेश तक एमसीडी के कामकाज की निगरानी के लिए विशेष अधिकारी के रूप में कार्य करेंगे. मंत्रालय ने एजीएमयूटी कैडर के 1998 बैच के आईएएस अधिकारी ज्ञानेश भारती को भी नियुक्त किया था.
दिल्ली में वार्ड की संख्या घटी
अब केंद्रीय गृह मंत्रालय ने परिसीमन समिति को वार्ड की संख्या वाला आदेश जारी कर दिया है. इसके साथ ही दिल्ली में परिसीमन की प्रक्रिया को 4 महीने में पूरा कर लिया जाएगा. एमसीडी चुनाव कराए जाने को लेकर राज्य चुनाव आयोग ने वोटों की संख्या निर्धारित करने के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय को पत्र लिखा था. जिसका जवाब देते हुए मंत्रालय की तरफ से वार्डों की संख्या 250 निर्धारित कर दी है. बता दें कि दिल्ली नगर निगम के चुनावों को स्थगित करने के खिलाफ आम आदमी पार्टी (AAP) की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. एमसीडी का कार्यकाल खत्म होने के बाद भी चुनावों को स्थगित किए जाने के फैसले को आप ने चुनौती दी थी.
दिल्ली की आबादी को ध्यान में रखकर ही किया जाएगा वार्ड का परिसीमन
दिल्ली चुनाव आयोग की मानें तो साल 2011 की जनगणना में दिल्ली की आबादी को ध्यान में रखकर ही वार्ड का परिसीमन किया जाएगा. साल 2011 की जनगणना के मुताबिक दिल्ली की आबादी 1.67 करोड़ थी. इसे लेकर चुनाव आयोग ने सभी विभागों को जरूरी दस्तावेज उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं. सभी विभागों से डाटा मिलने के बाद परिसीमन का कार्य आरंभ कर दिया जाएगा.
1958 में अस्तित्व में आया था दिल्ली नगर निगम
दिल्ली नगर निगम 1958 में अस्तित्व में आया था. 1958 से 1967 तक दिल्ली में मात्र 80 वार्ड थे. साल 1967 में वार्ड की संख्या 100 कर दी गई थी. साल 1997 में फिर से दिल्ली नगर निगम में वार्ड की संख्या 134 कर दी गई. फिर 2007 में वार्ड की संख्या 272 कर दी गई, जो अभी तक चली आ रही थी.
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