भारत का प्राइमरी शेयर बाजार 2025 की दूसरी छमाही में एक बड़े धमाके के लिए तैयार है. सिर्फ आंकड़े ही काफी हैं इस तूफान को समझने के लिए: SEBI ने अब तक 1.15 लाख करोड़ रुपये के आईपीओ को मंजूरी दे दी है. 1.43 लाख करोड़ रुपये के प्रस्ताव अभी मंजूरी की प्रतीक्षा में हैं. कुल लाइन में हैं 2.58 लाख करोड़ रुपये के इश्यू – एक रिकॉर्ड स्तर!

कौन-कौन करेगा एंट्री? – जानिए नाम जो बाजार को हिला देंगे

  • टॉप कॉरपोरेट्स के IPO:
  • Tata Capital – ₹17,200 करोड़
  • LG Electronics India – ₹15,000 करोड़
  • Groww – ₹5,950 करोड़

स्टार्टअप्स की ताज़ा फौज:

इनके इश्यू साइज होंगे ₹1,500 करोड़ से ₹9,000 करोड़ के बीच:

  • Meesho
  • PhonePe
  • Physics Wallah
  • boAt
  • Lenskart
  • Shadowfax
  • WeWork India
  • Pine Labs
  • Amagi
  • Wakefit
  • Urban Company
  • TableSpace
  • Shiprocket

ये कंपनियां अब सिर्फ यूनिकॉर्न नहीं, बल्कि IPO के मंच पर निवेशकों की नजरों का केंद्र बन चुकी हैं. 2025 की पहली छमाही का हाल: पहले ही आया है ट्रेलर!

जनवरी से जून 2025 के बीच:

26 कंपनियों ने ₹52,200 करोड़ जुटाए
सबसे बड़ा इश्यू: HDB Financial Services – ₹12,500 करोड़

तुलना करें:

2024 की पहली छमाही में सिर्फ ₹29,607 करोड़ ही जुटे थे पूरे 2024 में आए थे 90 आईपीओ, फंड जुटाया ₹1.60 लाख करोड़ यानी 2025 पहले से कहीं ज्यादा मजबूत शुरुआत कर चुका है.

IPO बूम का असली इंजन – कहां से आ रहा है पैसा?

  1. निवेशकों की भागीदारी बनी ताकत
    इक्विरस कैपिटल के Bhavesh Shah के मुताबिक, खुदरा और संस्थागत दोनों तरह के निवेशक IPOs में तेजी से भाग ले रहे हैं. म्यूचुअल फंड्स की निरंतर हिस्सेदारी IPO मार्केट को मजबूत बना रही है.
  2. म्यूचुअल फंड्स: IPO के साइलेंट इंजन
    Equity स्कीम्स की कुल AUM (Assets Under Management) 30 जून 2024 तक 22% बढ़कर ₹32.69 लाख करोड़ पहुंच गई. SIP फ्लो हर महीने ₹27,000 करोड़ के आसपास. ये फंड्स IPO में बड़ी हिस्सेदारी लेने की ताकत रख रहे हैं.
  3. Private Equity का Exit टाइम
    Trust Mutual Fund के Mihir Vora के अनुसार: कई PE फंड्स अपने लाइफ साइकल के आखिरी चरण में हैं. उन्हें exit चाहिए, इसलिए वे कंपनियों को IPO लाने को प्रेरित कर रहे हैं.
    इसका असर है – एक साथ IPO की लाइन लग चुकी है क्या ये IPO बूम आपके लिए सही मौका है?
  4. 2025 की दूसरी छमाही में जो कंपनियां बाजार में उतरेंगी, उनमें से कई ऐसे नाम हैं जो पहले से ही यूज़र बेस, ग्रोथ और ब्रांडिंग में मजबूत स्थिति रखते हैं. लेकिन सावधानी जरूरी है – हर IPO Listing Gain नहीं देता, और हर यूनिकॉर्न शेयर बाजार में नहीं चमकता.