भुवनेश्वर. ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने आज लोकसेवा भवन में आयोजित राज्यस्तरीय राजस्व अधिकारियों के सम्मेलन और कार्यशाला को संबोधित करते हुए कहा कि तहसीलदार शासन-प्रशासन व्यवस्था में रीढ़ की हड्डी हैं. उन्होंने अधिकारियों से अपील की कि वे लोगों की शिकायतों को ध्यान से सुनें और उनका त्वरित समाधान करें. उन्होंने कहा, “आपका कार्यालय लोगों के लिए भय का नहीं, बल्कि विश्वास का केंद्र होना चाहिए.”

मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार भूमि प्रशासन को आधुनिक और जन-केंद्रित बनाने के लिए प्रतिबद्ध है. उन्होंने घोषणा की कि ओडिशा में कोई भी व्यक्ति भूमिहीन नहीं रहेगा. जिनके पास 4 डेसिमल से कम जमीन है, उन्हें भी भूमिहीन माना जाएगा और सरकार उन्हें जमीन उपलब्ध कराएगी. इस योजना को प्रभावी ढंग से लागू करने में राजस्व अधिकारियों की भूमिका को अहम बताते हुए उन्होंने जोर दिया कि यह कार्य पारदर्शिता और निष्ठा के साथ किया जाए.

मुख्यमंत्री ने चक्रवात ‘दाना’ के सफल प्रबंधन को सरकार की बड़ी उपलब्धि बताया. उन्होंने कहा कि मंत्रियों और अधिकारियों के नेतृत्व में ‘जीरो कैजुअल्टी’ के लक्ष्य को हासिल करने के लिए 8.1 लाख लोगों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित किया गया और 6,210 आश्रय स्थलों का उपयोग किया गया.
मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि किसी भी परिस्थिति में भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. उन्होंने कहा, “हमारी सरकार की भ्रष्टाचार के प्रति ‘शून्य सहनशीलता’ की नीति है.” उन्होंने अधिकारियों को चेतावनी दी कि यदि जानबूझकर कोई गलती की गई, तो संबंधित अधिकारी को इसके परिणाम भुगतने होंगे. साथ ही, उन्होंने अच्छा कार्य करने वाले अधिकारियों को पुरस्कृत करने का आश्वासन दिया.
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि वे सरकार के प्रतिनिधि के रूप में गांवों और ग्रामीणों को समय पर और निष्पक्ष सेवाएं प्रदान करें. समाज के सबसे निचले तबके तक सेवाएं पहुंचनी चाहिए, विशेष रूप से उन लोगों तक जो लंबे समय से उपेक्षित हैं. उन्होंने सरकारी जमीनों पर अतिक्रमण को हटाने और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने का भी निर्देश दिया. साथ ही, दाखिल-खारिज और अन्य भूमि संबंधी मामलों को समयबद्ध तरीके से निपटाने और पूर्ण पारदर्शिता बरतने की सलाह दी.
आदिवासी और अनुसूचित जाति की जमीन पर नजर
मुख्यमंत्री ने कहा कि आदिवासी और अनुसूचित जाति की जमीनों की खरीद-बिक्री में अक्सर अनियमितताएं देखी जाती हैं. ऐसी गतिविधियां तहसीलदारों की जानकारी के बिना होना लगभग असंभव है. इसलिए, ऐसी किसी भी अनियमितता को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.
मुख्यमंत्री ने आगामी मानसून को देखते हुए अधिकारियों को मौसम विभाग की चेतावनियों का पालन करने और मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) के अनुसार लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए तैयार रहने को कहा.