देश आजादी का 78वां वर्षगांठ मनाने के लिए पूरी तरह तैयार है. देशभक्ति के गाने हमें आजादी के महत्व को अच्छी तरह समझा देते हैं. हमने आजादी का वो संघर्ष भले ही ना देखा है, लेकिन हिंदी सिनेमा की देशभक्ति फिल्मों में काफी हद तक हम उससे रूबरू हो चुके हैं. देशभक्ति गानों में सबसे अच्छा गाना ऐ मेरे वतन के लोगों है.

इस गाने को सुनते ही सभी की आंखें नम हो जाती हैं. आजादी के लिए लड़ाई और हमारे शहीदों के बलिदान को समर्पित ये गाना आज भी रोंगटे खड़े कर देता है. लेकिन इस गाने के बनने के पीछे की कहानी भी दिलचस्प है. जो शायद ही कोई जानता है. ये गाना 1963 में लिखा गया था. उस लिहाज से इस साल इसे 60 साल पूरे हो चुके हैं. कवि प्रदीप इसके रचयिता थे. Read More – Ranvir Shorey को खल रही है Sana Makbul की जीत, कहा- कई लोग थे ट्रॉफी के ज्यादा हकदार …

कवि प्रदीप ने लिखा, लता मंगेशकर ने गाया

भारत और चीन के बीच 1962 में युद्ध हुआ, जिसमें भारत को हार का सामना करना पड़ा था. इस युद्ध के बाद आए गणतंत्र दिवस पर दिल्ली में होने वाले समारोह के लिए खासतौर से कवि प्रदीप से एक गीत की रचना करने का आग्रह किया गया था. जिसे उन्होंने खूब लिखा और आवाज दी स्वर कोकिला लता मंगेशकर ने. दिल्ली के नेशनल स्टेडियम में तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू के सामने उन्होंने ये गाना गाया तो तब तालियों की गड़गड़ाहट से पूरा स्टेडियम गूंज उठा और आंखों से अश्रु धारा बह निकली थी. 26 जनवरी 1963 को ये पहली बार गाया गया था. Read More – Anant Ambani और Radhika Merchant की शादी की रस्में हुईं शुरू, मामेरु रस्म में दिखा पूरा परिवार ...

समंदर किनारे टहलते हुए कवि प्रदीप ने लिखा था गीत

कहा जाता है कि जब देशभक्ति की भावना से लबरेज एक गीत कवि प्रदीप को लिखने का जिम्मा दिया गया, तो वो इसे लेकर काफी गंभीर थे. एक दिन वो समंदर किनारे टहलते हुए लहरों को निहार रहे थे, तभी उनके दिमाग में कुछ पंक्तियां आईं और बिना देर करते हुए उन्होंने उन लाइनों को वहीं लिख डाला. लेकिन वहां पेपर मौजूद नहीं था. लिहाजा सिगरेट की डिब्बी में अंदर मौजूद रहने वाले कागज पर ही उन्होंने इस गीत की शुरुआती लाइनें लिख दी थीं. बाकि गाना बनने के बाद इस गाने ने क्या इतिहास रचा वो हम सब जानते हैं.