रायपुर। पूर्व पंचायत मंत्री अमितेष शुक्ल ने प्रेसवार्ता कर रमन सरकार के 14 साल की जमकर खामियां गिनाई. उन्होंने मंत्री अजय चंद्राकर पर निशाना साधते हुए पीएम आवास योजना को लेकर सवाल उठाएं. उन्होंने सरकार से पूछा कि  क्या पक्का मकान पाने वाले हितग्राही गरीबी रेखा से हट जाएंगे. उन्होंने भी कहा कि पहले करीब 5 हजार करोड़ का बजट होता था, अब करीब 80 हजार करोड़ का बजट होने के बाद भी अकाल के वक़्त पंचायतों में कम चांवल क्यों. अमितेष शुक्ल ने आरोप लगाया कि पंचायतमंत्री पक्षपातपूर्ण से काम कर रहे हैं, कुरूद के अलावा किसी और विधानसभा में विकास दिखती नहीं है.

मनरेगा में भुगतान की प्रकिया सही नहीं. 3 सौ करोड़ का भुगतान अभी भी बाकी है, 2 सौ दिन का रोजगार अब तक नहीं दिया गया है. पीएम ग्रामीण सड़क योजना में भ्रष्टाचार है, स्वास्थ्य विभाग की हालत बुरी, सुपाबेड़ा में मौत के लिए जिम्मेदार है सरकार, सरकार कमीशनखोरी में डूबी हुई है. अमितेष शुक्ल ने यह भी कहा कि शिक्षाकर्मियों के संविलियन का वादा भाजपा ने 2003 और 2008 में किया था. मुख्यमंत्री से लेकर पंचायत मंत्री ने 2003 में शिक्षाकर्मियों के आंदोलन का समर्थन करते मांग पूरी करने की बात कही थी. लेकिन 14 साल बाद भी रमन सरकार ने अपने वादे को पूरा नहीं किया है.  वे खुद 2003 में जब पंचायत मंत्री थे शिक्षाकर्मियों के आंदोलन का समर्थन करते हुए धरना में उनके साथ बैठे थे. लेकिन रमन सरकार आज शिक्षाकर्मियों के आंदोलन कुचलने दमनकारी नीति अपना उन्हें गिरफ्तार कर रही है.

अमितेष शुक्ल ने प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना में भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए कहा कि जांच के बाद भी पीएमजीएसवाय की रिपोर्ट आज तक सरकार ने सार्वजनिक नहीं की. पंचायाती राज विभाग की ओर से नियम विरुद्ध 6 सौ करोड़ की राशि का आंबटन मोबाइल टॉवर लगाने में खर्च किए जा रहे हैं जिसमें एक बड़े कमीशनखखोरी की बू आ रही है. भाजपा सरकार झूठ का पुलिंदा है आने वाले चुनाव में भाजपा सरकार भस्म हो जाएगी.