पैरेंटल आउटरीच की सफलता
पैरेंटल आउटरीच प्रोग्राम पायलट फेज में पूर्वी और दक्षिणी पूर्वी जिलों के 40 स्कूलों में शुरू किया गया. पायलट फेज काफी सफल रहा और इस दौरना ये देखने को मिला कि इस कार्यक्रम से अपने बच्चों की पढ़ाई में पेरेंट्स की सहभागिता बढ़ी. पेरेंट्स का स्कूल से जुड़ाव बढ़ा और स्कूल का दायरा विस्तृत हुआ. पायलट फेज के दौरान इस कार्यक्रम को काफी सफलता मिली और ये देखा गया कि स्कूलों से ड्रॉप आउट दर कम हुई और बच्चों की स्कूल में उपस्थिति भी बढ़ी.
आगे की योजना
1. पैरेंट संवाद कार्यक्रम में स्कूल मैनेजमेंट कमेटी में शामिल पेरेंट्स के अतिरिक्त और भी पेरेंट्स को स्कूल मित्र के तौर पर जोड़कर सभी पेरेंट्स के साथ संवाद किया जाएगा.
2. हर स्कूल मैनेजमेंट कमेटी सदस्य और स्कूल मित्र को उनके आसपास के 50-50 पेरेंट्स से जोड़ा जाएगा और ये महीने में एक बार DCPCR के द्वारा तैयार किए गए फ्री कॉलिंग सिस्टम के माध्यम से कॉल के माध्यम से पेरेंट्स से जुड़ेंगे.
3. एसएमसी मेंबर्स और स्कूल मित्रों को थीम बेस्ड ट्रेनिंग दी जाएगी और हर महीने की एक थीम के आधार पर वो बाकी पेरेंट्स के साथ पेरेंटिंग और पढ़ाई के बारे में संवाद करेंगे.
4. संवाद के दौरान पेरेंट्स को बताया जाएगा कि अपने बच्चे के साथ कैसे बात करें. ये कैसे जानें कि बच्चा क्या सीख रहा है, बच्चे को समय-समय पर क्या सपोर्ट दिया जाए.
इस कार्यक्रम को त्यागराज स्टेडियम में उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया द्वारा लॉन्च किया गया. कार्यक्रम में कालका जी से विधायक आतिशी, DCPCR चेयरपर्सन, अनुराग कुंडू, प्रधान शिक्षा सचिव एच.राजेश प्रसाद, शिक्षा निदेशक, हिमांशु गुप्ता, प्रधान शिक्षा सलाहकार, शैलेन्द्र शर्मा सहित अन्य गणमान्य लोग उपस्थित रहे.
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