रायपुर. छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रदेश सचिव एवं प्रवक्ता विकास तिवारी ने कहा कि मीसा बंदियों को दी जाने वाली पेंशन राजकोष पर बोझ है. जनता की गाढ़ी कमाई के पैसों को मुख्यमंत्री रमन सिंह ने भारतीय जनता पार्टी और आरएसएस के नेताओं को उपकृत करने के लिये बनाया था. इसमें प्रारंभिक राशि पांच हजार था और इसे बढ़ाकर पच्चीस हजार रु तक कर दिया गया था.

तत्कालीन भाजपा के मुख्यमंत्री रमन सिंह आरएसएस में अपना कद बढ़ाने के लिए यह कानून बनाकर लागू करवाये थे, जिसका संपूर्ण खर्चा और भुगतान राज्य सरकार के कोष से दिया जाता था. जबकि मीसाबंदी में जेल गये भाजपा और आरएसएस के नेता ना तो कोई क्रांतिकारी थे ना तो  संग्राम सेनानी थे ना कभी इन लोगों ने आजादी की लड़ाई में हिस्सा लिया था और ना ही देश की आजाद करवाने में भाजपा और आरएसएस के नेताओं को कभी कोई योगदान रहा था.

प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता विकास तिवारी ने कहा कि वह राज्य सरकार से मांग करते हैं कि मीसा कानून 2008 की समीक्षा करके इसे तत्काल प्रभाव से रद्द किया जाए और इसमें वितरित की जाने वाली लाखों-करोड़ों रुपए की राशि को प्रदेश के छात्र हित,आदिवासी हित एवं युवाओं के रोजगार सृजन में खर्च किया जाए.