पुरुषोत्तम पात्र, गरियाबंद- जिला गरियाबंद के लिए सीजीएमएससी से खरीदी गई दवाईयों को जंगल में फेंकने की लापरवाही सामने आने के बाद कलेक्टर ने फार्मासिस्ट नरेंद्र साहू को निलंबित कर दिया है. वहीं मामले में संलिप्त स्टोर कीपर पंचराम बघेल के दो वेतन वृद्धि रोक दिया गया है. दरअसल, लल्लूराम डॉट कॉम ने आज एक्सपायरी डेट दवाई जंगल में फेंकने की खबर को प्रमुखता से प्रकाशित किया था.

इस खबर के बाद कलेक्टर श्याम धावड़े ने मामले को संज्ञान में लेते हुए सीएमएचओ सीता राम बंजारे को तलब किया. पूरी जानकारी लेने के बाद जिला अस्पताल के दो जिम्मेदारों पर बड़ी प्रशासनिक कार्रवाई की गई. साथ ही मामले की जांच के लिए टीम गठित कर सप्ताह भर में रिपोर्ट तलब करने के निर्देश जारी किए गए हैं.

सीएमओ ने वाहन भेजकर तत्काल फेंके गए सभी दवाओं को एकत्रित कर वापस जिला अस्पताल मंगाया गया है. जिसे जांच के दायरे में रख पहले बेच नंबर व खरीदी विवरण जुटाया जाएगा. फिर उसे विधिवत निष्पादन करने की बात अफसरों ने कही है. कलेक्टर ने मामले में सीएमएचओ को कारण बताओ नोटिस भी जारी कर दिया है.

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सीएमएचओ ने माना गंभीर अनियमितता

सीएमएचओ बंजारे ने मामले को गंभीर बताते हुए इसे जान बूझकर किया गया एक अपराध माना है. बंजारे ने कहा कि बगैर आधिकारिक सूचना व सलाह के ऐसा क्यों किया गया है यह जांच का विषय है.

लल्लूराम डॉट कॉम ने पहले ही जता दी थी गड़बड़ी की आशंका

जिला मूख्य्यालय से महज 4 किमी दूरी पर जंगल में फेंके गए दवाओं के जखीरा को लेकर लल्लूराम ने सबसे पहले खबर प्रकाशित किया था. मामले की तार ब्यापक पैमाने में दवा खरीदी घोटाले से जुड़े होने की आशंका भी व्यक्त की गई. सीएमएचओ ने भी माना है कि इस तरह से फेंके गए दवा के पीछे जरूर बड़ा कोई कारण है, जिसके जांच के लिए कमेटी गठन कर दिया गया है.