रायपुर. शुक्र ग्रह को सौंदर्य, भौतिक सुखों आदि का कारक माना गया है. शुक्र देव को वृषभ राशि के साथ-साथ तुला राशि का भी स्वामित्व प्राप्त होता है और ये जातकों के जीवन में प्रेम व धन के भाव का प्रतिनिधित्व करते हैं. शुक्र का वृषभ राशि में गोचर 18 जून 2022, शनिवार सुबह 8 बजकर 6 मिनट पर होगा. शुक्र अब तक मेष राशि अपनी स्वराशि से द्वादश में राहु के साथ गोचर कर रहे थे, इस राहु युत पाप प्रभाव शुक्र के कारण आर्थिक एवं मानसिक तौर पर भी आम लोगो पर विपरीत प्रभाव देखा जा रहा था. अब शुक्र का अपनी ही वृषभ राशि में गोचर करना किसी न किसी रूप में समस्त जातकों के जीवन पर प्रभाव डालने वाला है.

इस गोचर के दौरान शुक्र देव अपनी स्वराशि वृषभ में संचरण करेंगे और जिसके परिणामस्वरूप जातकों की वाणी और व्यक्तित्व में गजब का आकर्षण देखने को मिलेगा. साथ ही इस गोचरीय अवधि के दौरान जातकों की विश्लेषणात्मक क्षमता व तार्किक बुद्धि का विकास होगा. जो लोग आध्यात्मिक क्षेत्र में आगे बढ़ना चाहते हैं या अपने ज्ञान में वृद्धि करना चाहते हैं उनके लिए भी ये गोचर विशेष अनुकूल सिद्ध होने वाला है.

खास बात ये है कि इस राशि में पहले से ही बुध भी मौजूद हैं. ज्योतिष में इन दोनों ग्रहों की युति बेहद शुभ मानी जाती है. इन दोनों ग्रहों की युति से लक्ष्मी नारायण योग का निर्माण होता है. ये योग व्यक्ति के वैभव में बढ़ोतरी करता है. शुक्र का ये भ्रमण कुछ लोगो के जीवन में विशेष खास होने वाला है तो कुछ लोग हो सकते हैं परेशान, विस्तार से जानेंगे कि किन लोगो या किन राशि वालो पर क्या होगा शुक्र के इस परिवर्तन का असर क्या देगा सुख शांति और समृद्धि या होंगे करियर या रिश्तो में परेशान.