प्रमोद कुमार/कैमूर: 1500 साल पुराना श्री बुढ़वा महादेव का इतिहास है. अंग्रेजों के जमाने से पहले का यह शिव मंदिर है. नहर के खोदाई में यह शिवलिंग मिला था. ग्रामीणों ने मंदिर का रूप तब से दिया था. दूर दराज के श्रद्धालु यहां पूजा पाठ करते है. यह मंदिर कैमूर जिले के भगवानपुर प्रखण्ड के सरैया गांव में स्थित है, जहां आज श्री बुढ़वा महादेव के नाम से प्रचलित है.
ग्रामीणों में नाराजगी
जिले भर के श्रद्धालु चंदा जमा कर मंदिर निर्माण करा रहे है. जिले के स्थानीय विधायक और बिहार सरकार के मंत्री मोहम्मद जमा खान ने मंदिर के प्रांगण में एक चबूतरा बनाया, जिसकी लागत 2 लाख रुपए है. कार्य से 10 दिन में ही चबूतरा टूट गया, जिससे ग्रामीणों में नाराजगी है.
भक्तों की भीड़
ग्रामीण राम किशोर कुशवाहा और बृज कुमार कुशवाहा ने बताया कि 1500 साल पुराना शिव मंदिर है. अंग्रेजों के जमाने से पहले शिवलिंग नहर के खोदाई में मिला था, तब से इस मंदिर में पूजा पाठ होते आ रहा है. सावन में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है.
टूट गया चबूतरा
मंदिर के निर्माण में गांव के साथ पूरे जिले के लोग चंदा कर मंदिर बना रहे है. मंत्री जमा खान ने 2 लाख के लागत से एक चबूतरा दिया. कार्य होने के बाद 10 दिन में टूट गया. कम से कम शिव मंदिर का कार्य था, जिसमें अनियमितता नहीं होनी चाहिए.
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