दिनेश द्विवेदी, कोरिया। जिले में दिल दहला देने वाला एक मामला सामने आया है एक 24 वर्षीय युवती को अपने ही घर में 7 माह से कैद कर रखा गया था. युवती को पुलिस की मदद से 7 महीने बाद चार दिवारी की कैद से बाहर निकाला गया है. युवती की नाजुक हालत देखते हुये जिला अस्पताल में सीधे भर्ती कराया गया है. युवती का नाम सूरज राजवाड़े हैं.

जिला मुख्यालय बैकुंठपुर के ग्राम केनापारा की सूरज राजवाड़े को एक मकान में 7 महीने तक एक ही कमरे में बंद रखा जाता था. जिसकी हालत गंभीर बनी हुई हैं. जूना पारा की महिला पुलिस वॉलिंटियर इंदिरा ने बताया कि यह महिला ग्राम बैकुंठपुर के जूना पारा की रहने वाली है जिसका नाम सूरज राजवाडे बताया जा रहा है इसके पिता का देहांत हो चुका है और माता अपने परिवार से दूर रहती है. बताया जा रहा है कि महिला सूरज लगभग 24 साल की उम्र है.

जानकारी अनुसार, इसके अपने दो भाई इससे अलग रहते हैं. जो चचेरे भाई बताया जा रहा है, बड़ा चचेरा भाई विनोद पंडोपारा कालरी में कार्यरत है, वह कभी-कभार आकर सूरज का इलाज करवा देता था, दूसरा चचेरा भाई चरचा कालरी में आटो चलाता है अपने घर में यह अकेले रहती थी. पास-पड़ोस के लोग कभी कभार खाना पीना देकर ताला बंद कर कैद कर देते थे. उसका देखभाल करने वाला कोई नहीं है.

वहां आसपास रहने वाले लोगों ने थाने में फोन कर पुलिस को महिला के घर में बंद होने की जानकारी दी. जानकारी मिलते ही अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक डॉ पंकज शुक्ला महिला पुलिस लेकर तत्काल मौके पर पहुंच घर का ताला तोड़कर उस महिला को बाहर निकाला गया. एडिशनल एसपी डॉ पंकज शुक्ला ने बताया कि महिला डरी हुई और कमजोर हालत में घऱ में पड़ी मिली है. जिसे 108 के माध्यम से जिला अस्पताल लाया गया. डॉक्टर के द्वारा जांच कर उसे तत्काल आईसीयू वार्ड में भर्ती कराया गया हैं. इस मामले पर जांच पड़ताल जारी है.

वहीं डॉक्टर योगेंद्र चौहान ने बताया कि ये युवती बहुत दिन से लोगों को देख नही पाई है, अब बाहर निकलकर वह डिप्रेशन में है, बाकी स्थिति सामान्य है. खून जांच रिपोर्ट आने पर उसके सही स्थिति को बताया जा सकता है.