वीरेंद्र कुमार/नालंदा: बिहार में स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर सरकार लाख दावे करे, लेकिन नालंदा जिले का बीम्स (भगवान महावीर आयुर्विज्ञान एवं विज्ञान संस्थान), पावापुरी इन दावों को आईना दिखा रहा है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के गृह जिले में ही यह अस्पताल खुद बीमार पड़ा है. अस्पताल की हालत ऐसी है कि मरीजों को इलाज के बजाय भगवान भरोसे छोड़ दिया गया है.
अस्पताल हुआ बेहाल
हल्की सी बारिश और पूरा अस्पताल परिसर पानी-पानी हो गया. लल्लूराम डॉट कॉम की टीम ने जब बीम्स की जमीनी हकीकत जानने पहुंची, तो अस्पताल का हर कोना बदहाली की कहानी सुना रहा था. बरामदे और गलियारे जलजमाव से भरे थे, दीवारों से पानी टपक रहा था और छतें रिस रही थीं. यह किसी गांव की पुरानी कोठरी नहीं, राज्य सरकार का बड़ा चिकित्सा संस्थान है.
नहीं हो रहा इलाज
अस्पताल में न तो पर्याप्त बेड हैं, न दवाएं, न ही पंखे. डॉक्टर भी समय पर नहीं मिलते. गर्मी से बेहाल मरीज खुले बरामदे में पड़े मिले और परिजन फर्श पर सोते हुए दिखाई दिए. एक महिला अपने बच्चे को हाथ से पंखा झेलकर हवा देती नजर आई, ऐसा दृश्य किसी पिछड़े गांव का नहीं, बल्कि एक सरकारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल का था.
सिस्टम हुआ सुस्त
स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर मंत्री डॉ. सुनील कुमार लगातार समीक्षा बैठकें कर रहे हैं. उन्होंने हाल ही में सभी डॉक्टरों और स्वास्थ्य अधिकारियों को ड्यूटी के प्रति सजग रहने की सख्त चेतावनी दी थी, लेकिन बीम्स की जमीनी तस्वीर बताती है कि चेतावनियों का असर सिस्टम पर नहीं, सिर्फ बयानबाजी तक सिमटा रह गया है.
‘इलाज नहीं, बस भरोसा है’
अस्पताल में मौजूद परिजन कहते हैं कि डॉक्टर समय पर आते नहीं, दवा मिलती नहीं. मरीजों को जमीन पर लिटाकर इलाज चल रहा है. वहीं, एक स्थानीय युवक ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि नीतीश जी के जिले में अगर ये हाल है, तो बाकी जिलों का क्या हाल होगा?
सवालों के घेरे में सरकारी योजनाएं
सरकार हर साल स्वास्थ्य सेवाओं पर करोड़ों खर्च कर रही है, लेकिन पावापुरी बीम्स की बदहाली यह सवाल खड़ा करती है की क्या यह पैसा व्यवस्था सुधारने में लग रहा है या सिर्फ कागजों में विकास दिखाया जा रहा है? जब मुख्यमंत्री के जिले में ही स्वास्थ्य व्यवस्था दम तोड़ रही है, तो बाकी प्रदेश का क्या हाल होगा?
मरीजों की तकलीफ में कोई बदलाव नहीं
सरकार की चेतावनी, मंत्री की सख्ती और योजनाओं के ढेरों एलान, लेकिन मरीजों की तकलीफ में कोई बदलाव नहीं. सवाल ये है कि क्या अब भी कुछ बदलेगा? या फिर पावापुरी बीम्स की ये तस्वीरें आने वाले वक्त की भी चेतावनी हैं? मंत्री डॉ. सुनील ने कहा कि सरकारी डॉक्टरों को चेतावनी दे दी गई है, लापरवाही पर अब कार्रवाई तय है. मरीज के परिजन ने कहा कि इलाज के लिए आए थे, अब खुद हाथ से हवा कर रहे हैं. स्थानीय निवासी ने कहा कि यहां सुनवाई नहीं होती. सालों से हालत यही है. अफसर आते हैं, देखते हैं और चले जाते हैं.
ये भी पढ़ें- Bihar News: कार और बाइक की टक्कर में पति-पत्नी की हुई मौत, ग्रामीणों ने एनएच-27 किया जाम
- छत्तीसगढ़ की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- उत्तर प्रदेश की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- लल्लूराम डॉट कॉम की खबरें English में पढ़ने यहां क्लिक करें
- खेल की खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
- मनोरंजन की बड़ी खबरें पढ़ने के लिए कल्कि करें