मनीषा त्रिपाठी, भोपाल। मध्य प्रदेश पावर जेनरेशन कंपनी (M.P.Power Generating Company Limited) की बिजली उत्पादन यूनिट बार-बार बंद हो रही है। जिसके कारण कंपनी का बिजली उत्पादन प्रभावित हो रहा है। वहीं इससे कंपनी को करोड़ों रुपए का घाटा भी हो रहा है। 22 दिन में दो बार बंद हुई यूनिट पर बिजली कंपनी को 5 करोड़ से अधिकत का नुकसान झेलना पड़ा।

मध्य प्रदेश में बिजली उत्पादन क्षमता 22 हजार मेगावाट से ज्यादा है। इसके बाद भी बढ़ती बिजली की डिमांड के दौरान कंपनी को निजी सेक्टर से बिजली लेनी पड़ रही है। बिजली आपूर्ति को बहाल करने के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में कटौती की जाती है। हाल ये हैं कि अब तो शहरी क्षेत्रों तक में बिजली की कटौती हो रही है।

खेतों में जा रहा राइस मिल का गंदा पानीः फसल बर्बाद, शिकायत के बाद भी नहीं हुई कोई कार्रवाई, न्याय के लिए भटक रहा किसान

बिजली की डिमांड 12 से 13 हजार मेगावाट

जानकारी के अनुसार संजय ताप विद्युत केंद्र की यूनिट पिछले 22 दिन में दो बार बंद हो चुकी है। इससे बिजली कंपनी को 5 करोड़ रुपए से ज्यादा का नुकसान हुआ है। अब जरूरत पड़ने पर पावर जेनरेशन कंपनी को निजी सेक्टर से बिजली की खरीदी करना पड़ेगी। वहीं अभी प्रदेश की बिजली की डिमांड 12 से 13000 मेगावाट के बीच चल रही है।

MP में आदिवासियों पर दर्ज 8 हजार वन अपराध मामले समाप्त करेगी सरकार, कार्ययोजना तैयार

यह डिमांड अभी और बढ़ेगी इस तरह की बिजली उत्पादन प्रभावित होने पर बिजली कंपनियां घाटे में चली जाती हैं फिर इसकी भरपाई के लिए कंपनियां हर साल टैरिफ बढ़ाने की मांग करती है। जिसका खामियाजा बिजली उपभोक्ताओं को भुगतना पड़ता है। बिजली मामलों की जानकारी राजेंद्र अग्रवाल ने कहा कि, किसी भी विद्युत केंद्र की 210 मेगावाट की एक यूनिट एक दिन में 50 लाख यूनिट बिजली बनाती है। 5 यूनिट की दर से एक बिजली की कीमत ढाई करोड रुपए होती है। अगर एक यूनिट महीने में दो बार सिर्फ एक-एक दिन के लिए भी बंद हो जाए तो 5 करोड़ का नुकसान होता है।

Lalluram.Com के व्हाट्सएप चैनल को Follow करना न भूलें.
https://whatsapp.com/channel/0029Va9ikmL6RGJ8hkYEFC2H