Bandhan Yog in Kundali: ज्योतिष शास्त्र में जन्म कुंडली के विभिन्न योग व्यक्ति के जीवन में घटने वाली प्रमुख घटनाओं की झलक देते हैं. इन्हीं में से एक विशेष और खतरनाक योग बंधन योग होता है. इसे अशुभ और कष्टकारी माना गया है, क्योंकि यह व्यक्ति को कानूनी उलझनों, सामाजिक अपमान और यहां तक कि कारावास तक पहुंचा सकता है. बंधन योग तब बनता है जब कुंडली में शनि, राहु, मंगल जैसे क्रूर ग्रह 6वें, 8वें या 12वें भाव में विशेष रूप से स्थित होते हैं या इनका परस्पर संबंध बनता है. इसके अलावा अगर चंद्रमा और लग्नेश पर पाप ग्रहों की दृष्टि हो, तो यह योग और भी घातक हो सकता है. यह योग व्यक्ति के जीवन में बार-बार संघर्ष, शत्रुओं से परेशानी और न्यायालय के चक्कर लगाने जैसी स्थितियाँ उत्पन्न करता है.

अपराधी प्रवृत्ति के भी होते हैं

ऐसे योग वाले जातकों को कभी झूठे आरोपों में फँसाया जा सकता है, तो कभी उनके गुस्से या अहंकार के चलते वे स्वयं ही अपराध की ओर बढ़ जाते हैं. कई बार ये लोग अपराधी प्रवृत्ति के भी हो सकते हैं या गलत संगति में पड़कर कानून से टकरा जाते हैं.

हर बार यह योग बुरा नहीं होता

हालाँकि, यह जरूरी नहीं कि बंधन योग हर किसी को जेल तक ही ले जाए. अगर कुंडली में शुभ ग्रहों की स्थिति मज़बूत हो, तो ऐसे जातक संकट से उबर भी सकते हैं. ज्योतिषीय उपायों और सत्कर्मों से इस योग के दुष्प्रभाव को काफी हद तक कम किया जा सकता है.

ज्योतिषीय परामर्श जरूर ले (Bandhan Yog in Kundali)

इसलिए यदि किसी की कुंडली में बंधन योग बन रहा हो, तो सतर्क रहना जरूरी है. योग्य ज्योतिषी से परामर्श लेकर उचित उपाय समय रहते कर लेना जीवन की दिशा बदल सकता है.

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