आशुतोष तिवारी, सुल्तानपुर। सुल्तानपुर में एक दबंग विद्यालय प्रबंधक के आगे राजकीय इंटर कालेज का प्रधानाचार्य बेबस है। हाल ये है कि दबंग प्रबंधक ने विद्यालय की सरकारी जमीन पर कब्जा करना शुरू कर दिया है। प्रधानाचार्य ने विरोध किया तो प्रबंधक ने प्रधानाचार्य सहित पूरे स्टाफ को फर्जी मुकदमे में फंसाने के साथ साथ गोली मारने की धमकी दे डाली। बेबस प्रधानाचार्य की सुनवाई न हुई तो उसने जिला विद्यालय निरीक्षक को अपना इस्तीफा सौंप दिया है। प्रधानाचार्य के इस्तीफे की जानकारी लगते ही जिला प्रशासन में हड़कंप मचा हुआ है। हलांकि आरोपी प्रबंधक मामले को सिरे से नकार रहे हैं।
क्या है पूरा मामला
दरअसल ये मामला है दोस्तपुर थानाक्षेत्र के तेंदुआकाजी स्थित पंडित दीन दयाल उपाध्याय राजकीय मॉडल इंटर कालेज का। इसी राजकीय इंटर कालेज में प्रोजेक्ट अलंकार के तहत मल्टीपर्पज हाल और अतिरिक्त कक्ष का निर्माण करवाया जा रहा था। आरोप है कि बाबा भोले, मां पार्वती, मां शोभावती आदर्श महाविद्यालय के प्रबंधक जितेंद्र प्रसाद मिश्रा ने दबंगई दिखाते हुए न सिर्फ निर्माण कार्य रुकवा दिया। लिहाजा राजकीय इंटर कालेज के प्रधानाचार्य ने इसकी शिकायत आलाधिकारियों से की।
जीआईसी की भूमि का सीमांकन करवाने के लिए प्रधानाचार्य मो. रफीक ने आलाधिकारियों से गोहार लगाई। जिसके बाद डीएम सुल्तानपुर के निर्देश पर एसडीएम कादीपुर को निर्देशित किया। जांच के दौरान राजस्व टीम ने बताया कि, राजकीय इंटर कालेज की 28 बिस्वा जमीन कम है, जिसके निस्तारण के लिए तहसीलदार कादीपुर की अगुवाई में 24 दिसंबर 2024 की राजस्व टीम मौके पर पहुंची, लेकिन हैरानी इस बात की कि दबंग महाविद्यालय के प्रबंधक ने राजस्व अधिकारियों के निर्देश को मानने से इनकार कर दिया। साथ ही वहां खाई खुदवाने लगा।
इस्तीफा से मचा हड़कंप
इसी पर जीआईसी के प्रधानाचार्य मो रफीक और स्टाफ ने विरोध किया तो दबंग महाविद्यालय के प्रबंधक ने इन सभी को गोली मारने, दंगा फसाद करवाने और हाइकोर्ट सुप्रीम कोर्ट में पार्टी बनाकर फर्जी मुकदमे में फंसाने की धमकी दी जाने लगी जिससे प्रधानाचार्य सहित पूरा स्टाफ भयभीत हो गया। इसी से बेबस और लाचार जीआईसी के प्रधानाचार्य मो रफीक ने जीआईसी की जमीन का सीमांकन न करवा पाने, अवैध अतिक्रमण न रोक पाने पर जिला विद्यालय निरीक्षक सुल्तानपुर को अपना इस्तीफा सौंप दिया है। इस्तीफा सौंपते ही जिला प्रशासन में हड़कंप मचा हुआ है। फिलहाल जिला विद्यालय निरीक्षक की माने तो राजकीय इंटर कालेज का इस्तीफा लेना उनके कार्य क्षेत्र में नहीं है, बहरहाल इस मामले में आलाधिकारियों को सूचित कर दिया गया है। वहीं धमकी पाने के बाद प्रधानाचार्य मो रफीक मीडिया से दूरी बनाए हुए है।
हलांकि राजकीय इंटर कालेज के प्रधानाचार्य मो रफीक के आरोप को महाविद्यालय का प्रबंधक जीतेन्द्र प्रसाद मिश्रा सिरे से खारिज कर रहा है। उसकी माने तो उसने ये जमीन का बैनामा लिया था, जिसकी खारिज दाखिल हुई। जिसके बाद उन्होंने एडीएम के यहां बंटवारे का मुकदमा किया। 2018 में बंटवारे के आदेश के बाद उन्होंने इसकी पैमाइश करवाई जहां राजस्व टीम ने चिन्हांकन किया। वो अपना मेडबंदी जो पहले से थी वही पिलर गड़वा दिया। इनकी माने तो विद्यालय में आने जाने का रास्ता भी नहीं था जिसे उन्होंने एसडीएम और तहसीलदार के कहने पर अपनी हिस्से से 8 बिस्वा जमीन भी दे दिया है। बावजूद इसके केवल धमकाने के लिए वो इस्तीफा दे रहे हैं।
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