राकेश चतुर्वेदी, भोपाल। जेल की सलाखों के पीछे रहकर कई देशों में हैकिंग कर करोड़ों रुपये कमाए जाने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। मामला सामने आने के बाद जेल महकमे में हड़कंप मच गया है। मामले में सायबर सेल ने अपराध दर्ज कर जांच शुरु कर दी है। सायबर सेल के जांच की राडार में कई जेल अफसर और पुलिसकर्मी आ गए हैं।
जेल की काल कोठरी में बैठकर जिस कैदी ने कई देशों के नागरिकों को हैकिंग के जरिये करोड़ा रुपये का चूना लगाया, उस कैदी का नाम अमर है। काल कोठरी के भीतर कैद इस कैदी ने एक नहीं कई देशों को चूना लगाया। जिनमें दक्षिण कोरिया, सऊदी अरब और कैलिफोर्निया शामिल है। आरोपी कैदी ने जेल के भीतर से इन देशों में रहने वाले नागरिकों से हैकिंग के जरिये करोड़ों रुपये कमा लिए।
जेल सूत्रों ने दावा किया है कि कैदी अमर आईआईटी गोल्डमेडलिस्ट और इंटरनेशनल साइबर हैकर है। वहीं साइबर सेल का दावा है कि वह मात्र 8 वीं पास ही है। आरोप है कि अमर ने बिटकॉइन, डार्कनेट और गैम्बलिंग के जरिये करोड़ों रुपये कमाए। उसे सेंट्रल जेल उज्जैन से भोपाल सेंट्रल जेल ट्रांसफर किया गया था।
बताया जा रहा है कि कैदी अमर के इस गुनाह में जेल अफसर संतोष कुमार लड़िया ने साथ दिया था। जेल अफसर संतोष कुमार लड़िया ने टीपू सुल्तान की किताब लिखवाने के बहाने कैदी को लैपटॉप और इंटरनेट सुविधा जेल की काल कोठरी में बैठे कैदी अमर तक पहुंचाई थी। मामले में स्टेट साइबर सेल ने हैकिंग को लेकर एफआईआर दर्ज कर ली है। साइबर सेल की जांच के राडार में अब जेल के कई अफसर और जेल के पुलिसकर्मी आ गए हैं।