हकिमुद्दीन नासिर, महासमुंद। छत्तीसगढ़ के महासमुंद जिले मे गर्मी के मौसम मे लोगो को शुद्ध पानी के लिए काफी मशक्त करना पड़ रहा है। जिले के ग्राम पंचायत परसदा के गांव जिवतरा में लगभग  200 परिवार रहते हैं और यहां की कुल आबादी 700 – 800 के लिए शुद्ध पेयजल और निस्तारी के केवल 2 बोर हैं। इसमें से एक बोर महीनो से खराब चल रहा है। हैण्ड पंप भी नहीं है।

बता दें, जल जीवन मिशन के तहत साल 2022 में लगभग 74 लाख रुपयो से एक पानी की टंकी बनाई गई और लोगों के घरों में नल के कनेक्शन लगाए गए थे। इस काम को 9 महिने में पूरा करने के आदेश दिए गए थे, लेकिन लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग की लापरवाही और ठेकेदार के मनमानी के कारण अब तक यानि साल 2024 तक भी पूरा नहीं हो पाया और घरों में लगा नल, शो पीस बनकर रह गए हैं।

वहीं एक मात्र बोर जो चालू है, उससे एक सार्वजनिक नल लगा है। इसमें पानी का फोर्स इतना कम है, कि ग्रामीणों को एक बाल्टी पानी लेने में लगभग 15 से 20 मिनट लग जाते हैं। ग्रामीण निस्तारी के लिए एक किलोमीटर दूर गंदे तालाब का इस्तेमाल तो कर लेते हैं, पर पीने के पानी के लिए उन्हे जद्दोजहद करना पड़ता है।

ग्रामिणों ने शुद्ध पेयजल की किल्लत को लेकर ग्रामीण सरपंच, सचिव, जनपद के अधिकारी सहित जनप्रतिनिधियों से मिलकर शिकायत की, लेकिन अब तक समस्या का हल नहीं निकला। वहीं इस मामले में जनपद सीईओ व लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के आला अधिकारी अपना ही राग अलाप रहे हैं। अब ये देखना होगा कि ग्रामीणों की शुद्ध पेयजल की समस्या कब दूर होती है।

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