भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा का बजट सत्र भारी हंगामे के कारण 7 दिन पहले ही स्थगित कर दिया गया। 204642 करोड़ का बजट भी बिना चर्चा के पास कर दिया गया। बजट पर बहस करने की बजाय विपक्ष ने बड़ा मुद्दा बनाया मंत्री रामपाल की बहू की खुदकुशी को, इसको लेकर सदन की कार्रवाई बार बार स्थगित होती रही।

दरअसल, कांग्रेस के विधायक प्रीति सुसाइड केस में स्थगन प्रस्ताव लाने की मांग पर अड़ी रहे। इस कारण आज भी प्रश्नकाल नहीं हो पाया। हंगामे के बीच विधानसभा की कार्यवाही पहले 12 बजे तक के लिए स्थगित की गई। इसके बाद बार बार कार्यवाही स्थगित होती रही। इस बीच नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने आरोप लगाया कि संसदीय कार्य मंत्री के इशारे पर चल रहा है सदन। अजय सिंह, डॉ. गोविन्द सिंह और राम निवास रावत ने विधानसभा अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव भी पेश कर दिया।

कांग्रेस विधायक डॉक्टर गोविंद सिंह ने अध्यक्ष से कहा आपने हमारे अधिकार छीन लिए हैं। नेता प्रतिपक्ष और संसदीय कार्य मंत्री पहले बोलने पर अड़े रहे। भारी हंगामे के बीच ही बजट पास हो गया। तृतीय अनुपूरक बजट भी पास हो गया।

इसके बाद कांग्रेस विधायकों ने आसंदी का घेराव किया, नारेबाजी की। स्पीकर ने सदन की कार्रवाई अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी। जबकि बजट सत्र 28 मार्च तक चलना था।