चंडीगढ़। किसान-मजदूर मोर्चा (केएमएम) भारत के साथ 22 दिसंबर को होने वाली बैठक फिलहाल स्थगित कर दी गई है। केएमएम के नेताओं अनुसार अब यह मीटिंग सरकार के साथ 30 दिसंबर को होगी। वरिष्ठ किसान नेता सरवण सिंह पंधेर और गुरअमनीत सिंह मांगट ने बताया कि पंजाब सरकार के साथ 20 दिसंबर को हुई बैठक की निरंतरता में चंडीगढ़ स्थित पंजाब भवन में होने वाली बैठक अब 30 दिसंबर को तय स्थान पर आयोजित की जाएगी।

उन्होंने कहा कि सरकार की ओर से संपर्क कर कुछ मुद्दों के समाधान के लिए और समय की आवश्यकता का हवाला देते हुए बैठक के लिए अतिरिक्त समय मांगा गया था, जिस पर के.एम.एम. द्वारा वर्चुअल बैठक करने के बाद समय दे दिया गया।
उन्होंने कहा कि खनौरी और शंभू में हुए आर्थिक नुकसान की भरपाई, पराली से जुड़े मामलों का निपटारा, रैड एंट्री और जुर्माने, बाढ़ प्रभावित किसानों-मजदूरों के लिए कर्ज माफी, शहीद हुए किसानों-मजदूरों के परिवारों को नौकरियां और मुआवजा सहित अन्य मुद्दों पर हम सरकार को कोई बहाना नहीं देना चाहते।

उन्होंने कहा कि जिस प्रकार पंजाब सरकार जनवरी में विधानसभा सत्र बुलाने जा रही है, उस सत्र में जहां मनरेगा के खिलाफ प्रस्ताव पारित किया जा रहा है, वहीं सर्वदलीय बैठक बुलाकर केंद्र सरकार द्वारा राज्यों के अधिकार छीने जाने के विरोध में, विद्युत संशोधन विधेयक 2025, भारत-अमरीका मुक्त व्यापार समझौते तथा सीड एक्ट 2025 के विरोध में भी प्रस्ताव पारित किया जाना चाहिए।

उन्होंने जानकारी दी कि मजदूरों के रोजगार के अधिकार क्षेत्र को सीमित करने की कोशिश के तहत केंद्र सरकार द्वारा मनरेगा योजना को समाप्त करने का फैसला किया गया है। इससे सरकार की किसान और मजदूर विरोधी मानसिकता उजागर हो गई है।