संतोष तिवारी, जगदलपुर। पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम के नाम से छत्तीसगढ़ सरकार शिक्षा गुणवत्ता वर्ष 2017 चला रही है किंतु यह अभियान तभी सफल हो सकता है। जब बस्तर के अंदरूनी इलाकों के स्कूलों में पर्याप्त शिक्षकों की स्थापना हो जिससे पढ़ाई में गुणवत्ता हो। बस्तर के तोकापाल और लोहंडीगुडा ब्लॉक के दर्जनों स्कूलों में शिक्षकों की पदस्थापना नहीं है जिसके कारण गुणवत्ता की बात बेमानी है।
बस्तर जिले के तोकापाल ब्लॉक के एक दर्जन प्राथमिक स्कूल और लोहंडीगुडा के आधा दर्जन प्राथमिक स्कूल का भ्रमण पढ़ने के बाद यह बातें सामने आई की सरकार कागज में ही शिक्षा गुणवत्ता वर्ष चला रही है।
तोकापाल ब्लॉक के गुमियापाल साकरगांव बुर्जी सिरिसगुड़ा के कि स्कूलों में देखने वाले की एक-एक शिक्षक 5-5 कक्षा को पढ़ाने के लिए मजबूर हैं इसी प्रकार की स्थिति लोहंडीगुडा के एरण्डवाल बाघनपाल तुरेमुर्का तारागांव गढ़िया परियागुड़ा धाराऊर के स्कूलों की कहानी इससे जुदा नहीं है! इन स्कूलों में भी बच्चे की पढ़ाई की गुणवत्ता का ख्याल नहीं रखा जा रहा है क्योंकि शिक्षकों की कमी सबसे बड़ी समस्या है!
तोकापाल के सिरिसगुड़ा और साकरगांव के शिक्षकों के अनुसार उनके मांग के अनुरूप शिक्षक नहीं मिल रहे हैं शिक्षा देने के अलावा कई अन्य दिगर कार्य भी इनसे कराया जा रहा है मसलन सीआरसी बीआरसी और खंड शिक्षा अधिकारी के कार्यालयों में होने वाली बैठकों में जाना इनकी मजबूरी है तो दूसरी ओर स्कूलों में तालाबंदी की स्थिति निर्मित हो जाती है! लोहंडीगुडा जनपद क्षेत्र के शिक्षकों के अनुसार उनके साथ भी इसी प्रकार की स्थिति होती है जोकि अब सामान्य प्रक्रिया की तरह सामने आने लगी है किंतु इसका विपरीत असर बच्चों के स्वास्थ्य पर पड़ रहा है!
राजनीति के कारण भी बंटाधार
स्कूलों में शिक्षकों की कमी के संबंध में जब जानकारी ली गई तो कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए जिसमें से राजनीति बहुत बड़ी कारण है! कई स्कूल के शिक्षकों ने स्वीकार किया कि अंदरुनी की स्कूलों में पदस्थ महिला शिक्षकों की तबादला के लिए राजनीतिक एप्रोच किया जाता है जिसके कारण महिलाएं सड़क किनारे के स्कूलों में पढ़ाने के लिए पहुंच जाती है और अंदरूनी क्षेत्र के स्कूलों में शिक्षा का बंटाधार हो जाता है!
भर्ती के बाद हो जाएगा सामान्य: शर्मा
लोहंडीगुडा जनपद पंचायत क्षेत्र के खंड स्रोत समन्वयक अजय शर्मा ने बताया कि शासन-प्रशासन के पास शिक्षकों की कमी के संबंध में जानकारी दी गई है और अति शीघ्र भर्ती प्रक्रिया होगी उसके बाद यह स्थिति सामान्य हो जाएगी! शर्मा ने एक प्रश्न के उत्तर में यह स्वीकार किया कि शिक्षा की गुणवत्ता के लिए शासन स्तर पर प्रयास किए जा रहे हैं और संविदा के आधार पर भर्ती भी की जा रही है!
कमीशनखोरी के कारण सरकारी शिक्षा का बेहाल: बैज
चित्रकूट विधानसभा क्षेत्र के विधायक दीपक बैज ने अपने विधानसभा क्षेत्र में शिक्षकों की कमी को कमीशनखोरी के खेल से जोड़ा है! शिक्षा विभाग के मंत्री को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि प्राथमिक शिक्षा के क्षेत्र में मंत्री की दिलचस्पी कम है जिसके कारण मांग के बावजूद शिक्षकों की भर्ती नहीं की जा रही है!