रायपुर– मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि प्रदेश के सरकारी स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए विशेष प्रयास किए जाएंगे ताकि दूरस्थ ग्रामीण इलाकों के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चे भी निजी स्कूलों के बच्चों के समान ही विविध प्रतिस्पर्धाओं में सफल होकर बड़े से बड़ा मुकाम हासिल कर सकें. बघेल आज यहां रायपुर के कोटा स्थित विवेकानंद विद्यापीठ में स्वामी विवेकानंद जयंती समारोह को संबोधित कर रहे थे. मुख्यमंत्री ने इस असवर पर विद्यापीठ में शासन द्वारा पूर्व में स्वीकृत 19 भदों पर भर्ती की अनुमति भी प्रदान की. रामकृष्ण मिशन विवेकानंद आश्रम रायपुर के सचिव सत्यरूपानंद महाराज ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की.

मुख्यमंत्री बघेल ने कहा प्रदेश के जिला मुख्यालय नारायणपुर और रायपुर में रामकृष्ण मिशन विवेकानंद आश्रम का निर्माण जिन उद्देश्यों को लेकर हुआ उसमें वो सफल हुए है. आश्रम के निर्माण से लेकर अभी तक की यात्रा में उनके साथ अनेक स्मृतियां है. उन्होंने कहा कि वैसे तो वे कई बार वे इन आश्रमों मेें आए है परंतु मुख्यमंत्री बनने के बाद स्वामी विवेकानंद की जयंती 12 जनवरी को प्रदेश के नारायणपुर जिला मुख्यालय स्थित रामकृष्ण मिशन आश्रम में और आज यहां विवेकानंद विद्यापीठ में शामिल होने का अवसर मिला. उन्होंने कहा कि विवेकानंद की नर-नारायण की सेवा की परिकल्पना को हम सभी को साकार करना है. मुख्यमंत्री ने बताया कि स्वामी विवेकानंद कोलकाता के बाद सबसे ज्यादा समय रायपुर में व्यतीत किए है. उनकी स्मृतियों को अक्षुण्य रखने के लिए उन्होंने जब विपक्ष के सदस्य के रूप में छत्तीसगढ़ विधानसभा में रायपुर के विमानतल का नाम स्वामी विवेकानंद के नाम से करने के लिए अशासकीय संकल्प पटल पर रखा तो उसका किसी ने विरोध नही किया, स्वामी का व्यक्तित्व इतना बड़ा है कि इसे सर्वसम्मिति से पारित किया गया.

 

रामकृष्ण मिशन विवेकानंद आश्रम के सचिव स्वामी सत्यरूपानंद महाराज ने अपने उद्बोधन में कहा कि आज युवा व्यक्तिगत उन्नति के प्रति समर्पित है बल्कि समर्पण का यह गुण अपने संपूर्ण व्यक्तित्व के विकास के लिए होना चाहिए और इससे जो शक्ति निकलेगी उसे भारत माता की सेवा में लगाना चाहिए और यही भारत को पुनः जगदगुरू रूप में स्थापित कर सकेगा.

कार्यक्रम को प्रदेश के वरिष्ठ पत्रकार डाॅ. हिमांशु द्विवेदी ने संबोधित करते हुए कहा कि स्वामी विवेकानंद युवा के प्रेरणा स्त्रोत है. जिस प्रकार शरीर पंचतत्वों और से मिलकर बना है यदि उसी प्रकार युवाओं में सत्य, संकल्प, समर्पण, संघर्ष और साधना का गुण आवश्यक है. शरीर को जिस प्रकार आत्मा जीवंत करती है उसी प्रकार इन गुणों के साथ साहस युवाओं को स्वामी विवेकानंद जैसा बनाता है.

कार्यक्रम में विवेकानंद विद्यापीठ के सचिव डाॅ. ओमप्रकाश वर्मा ने प्रतिवेदन में बताया कि शासन द्वारा विद्यापीठ में पूर्व में 19 पद स्वीकृत किए गए है परंतु वित्त विभाग की अनुमति नहीं होने के कारण भर्ती नही हो पा रही है. जिस पर बघेल ने कहा कि वे मुख्यमंत्री के साथ-साथ वित्तमंत्री भी है और वे भर्ती की अनुमति भी प्रदान करते है. इस अवसर पर विद्यापीठ के प्राचार्य एचडी प्रसाद, विद्यापीठ बीएड काॅलेज की प्राचार्या रश्मि पटेल, विद्यापीठ के न्यासी, प्रबुद्धनागरिक और बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं उपस्थित थे.